आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर देश भर में ‘अमृत महोत्सव’ मनाया जा रहा है। तमाम कार्यक्रमों और आयोजनों के बीच जो सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र है, वो है ‘हर घर तिरंगा’ अभियान। इस मौके पर जहाँ एक तरफ देश भर में उत्साह तिरंगा यात्राएँ निकाली जा रहीं हैं तो दूसरी तरह कुछ वामपंथी व कट्टरपंथी तत्व इस अभियान का विरोध भी कर रहे हैं। ऑपइंडिया ने इस पूरे मामले पर भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री व लखनऊ के मोहनलालगंज संसदीय सीट से सांसद कौशल किशोर से बात की।
75 सप्ताह पहले ही प्रधानमंत्री ने कर दी थी घोषणा
कौशल किशोर ने तिरंगा यात्रा का विरोध करने वालों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “आजादी के अमृत महोत्सव की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने 75 सप्ताह पहले ही कर दी थी। इसमें अमृत सरोवर बनाने, प्रधानमंत्री स्व-रोजगार योजना का लाभ पाए 75 जिलों के स्ट्रीट वेंडरों (रेहड़ी-पटरी वालों) का सम्मेलन जैसे तमाम काम हो रहे हैं। यह पूरे देश का एक राष्ट्रव्यापी उत्सव है। लोगों से तिरंगा आदान-प्रदान करने को भी कहा गया है।”
तिरंगे का विरोधी राष्ट्रप्रेमी नहीं हो सकता
कौशल किशोर ने आगे कहा, “तिरंगे या विरोध करने वाले राष्ट्रप्रेमी नहीं हो सकते। राष्ट्रध्वज ही नहीं, पहले राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान का भी विरोध किया जा चुका है। ये विरोधियों के डर और हताशा का परिणाम है। जनता सब कुछ देख रही है और अब वो बहुत जागरूक है। ऐसी हरकतें खुद विरोधियों के लिए ही घातक हैं। इसमें भी जो विरोध कर रहे हैं इसका मतलब उनके अंदर राष्ट्रप्रेम नहीं है।”
इजरायल जैसी सैन्य ट्रेनिंग से खत्म हो सकता है आतंकवाद
केंद्रीय राज्यमंत्री ने आगे बताया, “इजरायल एक ऐसा देश है जहाँ किसान से ले कर अधिकारी तक के बेटों को अनिवार्य सैन्य ट्रेनिंग दी जाती है। अगर यही ट्रेनिंग भारत में भी शुरू कर दी जाए तो युवाओं में पहले से कूट-कूट का भरा देशप्रेम और अधिक निखर कर बाहर आएगा। इसी के बाद आतंकवाद और जातिवाद की तरफ युवाओं को बहकाने वालों की साजिशें नाकाम होंगी। किसी भी देश की अच्छी बातें अपनाने में दिक्कत क्या है? भारत को इजरायल बनाने की विरोध स्वरूप बातें करने वाले नादानी में ऐसा कर रहे हैं।”
आत्मनिर्भर भारत के नारे के बाद 300 प्रोडक्ट देश में बनने लगे
कौशल किशोर ने आगे कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत की निर्माण की पहल से पहले 300 प्रोडक्ट ऐसे थे जो विदेश से खरीदे जाते थे। अब वो सब उत्पाद भारत में ही बनने लगे हैं। हमारा देश अब आत्मनिर्भर भारत बनने की राह पर है। असल में इन सभी बातों का विरोध करने वालों को इजरायल या किसी और के बारे में कुछ नहीं पता है। उन्हें सिर्फ मोदी का विरोध करना है। असल में विपक्ष के पास आर्थिक, सामाजिक जैसी कोई भी नीति है ही नहीं।”
डॉलर की कीमत रुपए के मुकाबले पिछली सरकारों में बढ़ी
रुपए की डॉलर के मुकाबले घट रही कीमत के सवाल पर केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर ने कहा, “जब देश आजाद हुआ, तब रुपया डॉलर के लगभग बराबर था। पिछली सरकारों की गलत आर्थिक नीतियों से डॉलर की कीमत रुपए के मुकाबले बढ़ती चली गई जो 70 वर्षों तक लगातार बढ़ती गई। आज जब हमारी सरकार प्रधानमंत्री के नेतृत्व में समाज के सभी वर्गों की भलाई के लिए काम कर रहे हैं तो विपक्ष केवल हमले किए जा रहा है।”
देश के विकास के लिए खुद हटा लेने चाहिए मज़हबी स्थान
नगरों के विकास में अक्सर आड़े आते मज़हबी स्थलों के मुद्दे पर केंद्रीय नगर विकास राज्यमंत्री ने कहा, “आस्था स्थान से नहीं होती है। आस्था का संबंध ऊपर वाले से है। स्थान तो निर्धारित किया जाता है कि हम वहाँ बैठ कर ऊपर वाले की इबादत करेंगे। ऐसे स्थानों को अगर खुद ही आस्थावान या मज़हबी लोग आपसी सहमति से हटा लें तो देश के विकास में तेजी आएगी।”