पंजाब के तरनतारन शहर में एक चर्च में जीसस की मूर्ति और मदर मेरी की प्रतिमा को तोड़े जाने का मामला सामने आया है। घटना 31 अगस्त 2022 रात 12:30 बजे घटी। सीसीटीवी फुटेज में सिख युवकों को रॉड से मूर्तियाँ तोड़ते देखा जा सकता है।
Tarn Taran, Punjab | Few notorious elements tried to vandalise idol of Jesus & set ablaze a car at Chruch in Patti. We're investigating the matter & have vital clues. There were 4 people, we are behind the culprits. We hope to solve it soon. FIR has been lodged: RS Dhillon, SSP pic.twitter.com/fkh42EQH1B
— ANI (@ANI) August 31, 2022
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, चर्च में कुल 4 लोग जबरदस्ती घुसे थे। इन्होंने पहले गार्ड के सिर पर पिस्तौल रखी और उसके बाद उसे बाँध दिया। इसके बाद उन्होंने चर्च में तोड़फोड़ शुरू की। इन लोगों ने मदर मेरी और यीशु की मूर्तियों से सिर तोड़ा और अपने साथ ले गए। इन लोगों ने पादरी की कार में आग भी लगाई।
A group of people in Punjab's Tarn Taran district allegedly forcefully entered a local church last night and vandalised a statue of Jesus and Mary. They also set fire to the pastor's car. Visuals from the spot show the car engulfed in flames and a broken statue inside the church. pic.twitter.com/30gLAxbUNn
— The Second Angle (@TheSecondAngle) August 31, 2022
चर्च में हुए इस हमले के बाद ईसाइयों ने पट्टी खेमकरण राज्य मार्ग को ब्लॉक कर दिया और आरोपितों को पकड़ने की माँग करने लगे। पुलिस ने उन्हें समझाने का प्रयास किया।
पत्ती स्थित चर्च के फादर थॉमस ने बताया, “4 लोग यहाँ आए। उन्होंने मूर्तियाँ खंडित कीं और हमारे वाहन को आग लगाया। वे 25 मिनट तक यहीं थे। उन्होंने बंदूक की नोक पर गार्ड को धमकाया। आईजी हमसे मिलने आए हैं और गिरफ्तारी का आश्वासन दिया है।”
Tarn Taran, Punjab | 4 people came to our campus & destroyed statues & set ablaze our vehicle. They were here for 25 mins. They threatened people & kept security guard at gunpoint. IG reached the spot & assured us of action at the earliest: Father Thomas P, Catholic Church, Patti pic.twitter.com/L8V8irDP7i
— ANI (@ANI) August 31, 2022
ईसाइयों पर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप
उल्लेखनीय है कि इससे पहले रविवार (28 अगस्त 2022) को ईसाइयों और सिखों में झड़प की घटना प्रकाश में आई थी। जंडियाला गुरु के गाँव डडुआना में कुछ निहंग सिखों ने ईसाई कार्यक्रम को रुकवाया था। इसके बाद बाबा मेजर सिंह और उनके करीबन 150 समर्थकों पर केस दर्ज हुआ। जिसे देख श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने पंजाब सरकार का विरोध किया।
उन्होंने आरोप लगाया था कि ईसाई पादरी अपने पाखंडी तरीकों से हिंदुओं औक सिखों को बहकाकर धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं। कई दफा सिखों ने इसकी शिकायत की लेकिन सरकार ने उनकी नहीं सुनी। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने भाई तारू सिंह के शहादत दिवस पर इस मुद्दे को उठाते हुए कहा था,
“पंजाब में धर्म परिवर्तन बड़े पैमाने पर हो रहा है। यह चिंता का कारण है। लोग, विशेष रूप से गाँवों में रहने वाले, आसान लक्ष्य हैं। वे क्षुद्र लालच के बदले अपना धर्म परिवर्तित करते हैं। भाई तारू सिंह कठिन समय का सामना करने के लिए दृढ़ रहे। उन्होंने मुगल साम्राज्य के दौरान अपने बाल काटने और इस्लाम में परिवर्तित होने के बजाय अपना सिर कटा दिया था।” उन्होंने कहा कि भाई तारू सिंह सिखों के रोल मॉडल होने चाहिए। लेकिन आज कई युवा सिख धर्म के रास्ते से भटक गए हैं।”
8000 गाँवों में ईसाई समितियाँ, अकेले 2 जिलों में 600+ चर्च
इसी तरह न्यूज़ नेशन ने यूनाइटेड क्रिश्चियन फ्रंट के आँकड़ों के हिसाब से बताया था कि पंजाब के 12,000 गाँवों में से 8,000 गाँवों में ईसाई धर्म की मजहबी समितियाँ हैं। वहीं अमृतसर और गुरदासपुर जिलों में 4 ईसाई समुदायों के 600-700 चर्च हैं। इनमें से 60-70% चर्च पिछले 5 सालों में अस्तित्व में आए हैं।