केरल का कलाडी आदि शंकराचार्य का जन्मस्थान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (1 सितंबर, 2022) का दौरा यहाँ पर होना है। कोच्चि एयरपोर्ट से ‘आदि शंकर जन्म भूमि क्षेत्रम्’ पहुँचने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम है। कलाडी में आज भी वो मंदिर मौजूद हैं, जहाँ शंकराचार्य की माँ पूजा करती थीं। वहीं पर आज श्रृंगेरी मठ है। कलाडी नाम के पीछे भी एक रोचक कहानी है। कहा जाता है कि पहले पेरियार नदी गाँव से कुछ दूरी पर बहती थी।
एक दिन शंकराचार्य की माँ नदी की तरफ जाते हुए बेहोश हो गईं। फिर शंकराचार्य ने भगवान श्रीकृष्ण से प्रार्थना की, जिसके बाद उन्होंने आशीर्वाद दिया कि नदी उनके पदचिह्नों का अनुसरण करेगी। फिर शंकराचार्य पेरियार नदी को गाँव के पास ले आए। कलाडी का अर्थ पदचिह्न ही होता है। वहाँ ‘आर्यम्बा का वृन्दावन’, अर्थात शंकराचार्य की माँ की समाधि भी है। यहाँ स्थित प्राचीन श्रीकृष्ण मंदिर में उनके माता-पिता पूजा करते थे।
कलाडी कांची कामकोटि पीठम ने यहाँ एक सुंदर कीर्ति स्तंभ का निर्माण कराया है। कलाडी के मणिकमंगलम कार्त्यायनी मंदिर में शंकर के पिता पुजारी थे। संस्कृत पर शोध के लिए यहाँ एक विश्वविद्यालय भी है। बेलूर के रामकृष्ण मठ की एक शाखा भी श्रृंगेरी के पास ही स्थित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहाँ एक वेद पाठशाला की आधारशिला भी रखेंगे। हजार वर्षों तक आदि शंकराचार्य की जन्मभूमि अस्पष्ट थी, लेकिन सन् 1910 में सच्चिदानंद शिवभिवामा नरसिंह भारती (श्रृंगेरी मठ के 33वें उत्तराधिकारी) और त्रावणकोर के महाराजा मूलम थिरुन्नाल रामा वर्मा ने इसे ढूँढ निकाला।
Upon reaching the dynamic city of Kochi, I will address a public meeting. After that I will have the honour of visiting Sri Adi Shankara Janma Bhoomi Kshetram at Kalady village. In the evening, will inaugurate and lay the foundation stone of metro and rail related works in Kochi.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2022
1927 में चंद्रशेखर भारती ने यहाँ वेदांत पाठशाला की स्थापना की। 1991 में शंकराचार्य विश्वविद्यालय का निर्माण हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिश रही है कि आदि शंकराचार्य को भारत की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बता कर पेश किया जाए। उन्होंने राष्ट्र एवं हिन्दुओं को एक किया था। पीएम मोदी ने केदारनाथ में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया था। मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में उनकी 108 फुट ऊँची प्रतिमा बन रही है। पीएम मोदी कोच्चि को मेट्रो की नई लाइन की सौगात भी देंगे।