इंग्लैंड के लीसेस्टर शहर में हिन्दुओं के खिलाफ मुस्लिम भीड़ की हिंसा की भारतीय उच्चायोग ने कड़ी निंदा की है। लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने अपने बयान में कहा, “हम लीसेस्टर में भारतीय समुदाय के खिलाफ हिंसा, हिन्दू परिसरों और प्रतीकों को नुकसान पहुँचाए जाने की कड़ी निंदा करते हैं। हमने इस मुद्दे को UK के प्रशासन के समक्ष मजबूती से रखा है। साथ ही इस हमले में संलिप्त लोगों पर तुरंत कड़ी कार्रवाई की माँग की है।”
UK स्थित भारतीय दूतावास ने वहाँ की सरकार से ये माँग भी की है कि इस हिंसा में पीड़ित लोगों को तुरंत सुरक्षा प्रदान की जाए। पुलिस ने इस घटना में 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का कहना है कि दंगा न भड़के, इसीलिए ऐसा किया गया है। भारत-पाकिस्तान के बीच हुए एशिया कप के मैच के बाद यहाँ हिंसा भड़की थी, जो अब दोबारा बड़े रूप में सामने आई है। मुस्लिम भीड़ ने मंदिरों और ॐ लिखे भगवा ध्वज को नुकसान पहुँचाया है।
Press Release: High Commission of India, London condemns the violence in Leicester. @MIB_India pic.twitter.com/acrW3kHsTl
— India in the UK (@HCI_London) September 19, 2022
लीसेस्टर के मेयर ने सोशल मीडिया में चले दुष्प्रचार को इस पूरी हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया है। कट्टर मुस्लिमों ने मस्जिद पर हमला और मुस्लिम लड़की के अपहरण की झूठी अफवाह फैलाई थी। शहर के ‘Belgrave Road’ की तरफ बढ़ रही मुस्लिम भीड़ को पुलिस ने रोका है। मेयर का दावा है कि सोशल मीडिया में इस घटना की अलग तस्वीर बना कर पेश की जा रही है। उन्होंने दावा किया है कि ये शांतिपूर्ण शहर है, जहाँ बर्मिंघम तक से लोग अशांति फैलाने के लिए बुलाए जा रहे हैं।
ईस्ट मिडलैंड्स के के शहर में हुई हिंसा के बारे में स्थानीय लोग कह रहे हैं कि पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। अधिकारी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि किसी मस्जिद पर कोई हमला नहीं हुआ। वहाँ का वामपंथी मीडिया ‘जय श्री राम’ के नारे को हिंसक बता कर मुस्लिम कट्टरवादियों को बचा रहा है। ‘The Guardian’ ने तो वहाँ की घटना की खबर प्रकाशित करते समय नरेंद्र मोदी और ध्रुवीकरण की बातें कर डाली। जबकि कई वीडियोज में हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा को साफ़ देखा जा सकता है।