दुनिया भर के T-20 लीग्स में भारत के दबदबे से पाकिस्तान बौखला गया है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के बढ़ते आकार और असर पर चिंता जाहिर की है। PCB का कहना है कि फ्रेंचाइजी T-20 लीग में भारतीय निवेश बढ़ने के कारण उसके खिलाड़ी अवसरों से वंचित रह जाएँगे।
दरअसल ये, T-20 लीगों में भारतीय उद्योगपतियों और IPL फ्रेंचाइजी मालिकों की बढ़ती पैठ और उनके निवेश के बाद PCB प्रमुख रमीज रजा ने यह चिंता जाहिर की है। रमीज ने यह चिंता अन्य क्रिकेट बोर्डों के साथ साझा की है। उनका कहना है कि भारतीयों के दबदबे के कारण पाकिस्तानी क्रिकेटरों को अवसर नहीं मिलेंगे।
क्रिकेट वेबसाइट ईएसपीएन-क्रिकइंफो की एक रिपोर्ट के अनुसार, साउथ अफ्रीका और संयुक्त अरब अमीरात द्वारा शुरू किए गए T-20 लीग में IPL फ्रेंचाइजी के मालिकों ने निवेश किया है। साउथ अफ्रीका की SA-20 लीग की फ्रेंचाइजी की नीलामी में सभी 6 टीमों IPL फ्रेंचाइजी के मालिकों ने खरीदा है। वहीं, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की ILT-20 लीग की 6 टीमों में पाँच को भारतीयों ने खरीदा है।
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की ILT-20 लीग के लिए साइन किए गए एकमात्र खिलाड़ी आजम खान हैं। आजम खान को अमेरिकी स्वामित्व वाली डेजर्ट वाइपर (Desert Viper) द्वारा साइन किया गया है। इसी हाल को देखकर पाकिस्तान का क्रिकेट बोर्ड चिंतित है। वहीं, मोईन अली ने भी इस पर दुख जताया है।
बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक हालात ठीक नहीं होने का असर क्रिकेट पर भी पड़ा है। पाकिस्तानी खिलाड़ी IPL में नहीं खेल पा रहे हैं। वहीं, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को चिंता है कि इन देशों के भारतीय स्वामित्व वाली टीमों में भी उन्हें जगह नहीं मिलेगा। वहीं, PCB की हालत भी आर्थिक रूप से खस्ता हो गई है।
साल 2008 में IPL लीग के पहले सीजन में पाकिस्तानी खिलाड़ी लीग का हिस्सा थे। उसके बाद जितने भी सीजन हुए, इनमें से किसी में भी पाकिस्तानी खिलाड़ियों को नहीं लिया गया। दोनों देशों के बीच साल 2012 के बाद से कोई द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज भी नहीं खेली गई है। दोनों टीमों का आमना-सामना सिर्फ ICC और ACC टूर्नामेंट में ही होता है।