छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के गुरूर में भगवा चोला पहन कर घूम रहे दो मुस्लिमों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मुसाफिर जोगी और याद अली नाम के दोनों योगियों की गतिविधियों को संदिग्ध पाने पर लोगों ने उनसे पूछताछ शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस ने उनसे गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र सुनाने को कहा तो वे हड़बड़ा गए।
जब पुलिस ने उनसे सख्ती से पूछताछ की तो दोनों ने माना कि वे मुस्लिम हैं। उसमें एक ने अपनी पहचान झगरू पिता मुसाफिर जोगी और दूसरे ने याद अली उर्फ माले सज्जन बताई। दोनों उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के थाना पट्टी के नवादा गाँव के कहने वाले हैं।
साधु का वेश धर कर घूमने के आरोप में पुलिस ने दोनों के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता (IPC) की कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पुलिस ने दोनों को न्यायालय में पेश किया। अदालत ने दोनों आरोपितों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
नईदुनिया की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुर थाना की पुलिस ने बताया कि उसे मुखबिर से सूचना मिली दो संदिग्ध लोग भगवा पहन कर घूम रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने दोनों को बस स्टैंड के पास से पकड़ लिया और पूछताछ के लिए थाने ले गए। पूछताछ के दौरान ने दोनों ने खुद को हिंदू बताया और कहा कि वे भिक्षा माँग रहे थे।
हालाँकि, पुलिस को उन दोनों की बातों पर विश्वास नहीं हुआ और दोनों से कड़ाई से पूछताछ की। इसके बाद दोनों ने गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र बताने के लिए कहा तो वे हड़बड़ा गए। इसके बाद पुलिस ने कड़ाई की तो वे असली बात बताए। पुलिस का कहना है कि बच्चा चोरी करने के दोनों रेकी कर रहे थे। उन्होंने साधु का वेश इसलिए बनाया ताकि कोई शक ना कर सके।
पुलिस का कहना है कि वह जाँच कर रही है कि वे किसके लिए काम कर रहे थे। बच्चा चोरी के बाद वे उसका क्या करने वाले थे। पुलिस का कहना है कि वह आरोपितों का रिमांड लेने की कोशिश कर रही है।