उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बेरोजगार लड़कियों को महिला होमगार्ड में भर्ती कराने का लालच देकर ठगी करने वाले जमील अहमद को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वहीं, उसकी महिला सहयोगी अभी फरार है। जमील खुद को पुलिस इंस्पेक्टर बताता था और इसी के रोब में वह लड़कियों एवं उनके घरवालों से पैसे लेता था।
दो युवतियों के परिजनों ने इस संबंध में नाके थाने में मामला दर्ज कराया। इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार ने शिकायत के आधार पर जिला देवरिया के भटनी हरैया निवासी जमील अहमद को गिरफ्तार किया गया है। वह इंस्पेक्टर की वर्दी पहनकर लोगों को अपनी जाल में फँसाता था। इससे लोग उसकी बातों में आसानी से आ जाते थे।
नाका के क्लिनिक में काम कनरे वाले चौक अकबरी गेट निवासी मोहम्मद फरीद ने आरोप लगाया कि जमील 5 सितंबर 2022 को क्लिनिक पर अपनी पत्नी अमरीन सुल्ताना के साथ आया था। वहाँ उसने खुद को इंस्पेक्टर बताया था और विभाग में ऊँची पहुँच होने की बात कहकर उनकी बहनों को होमगार्ड में नौकरी दिलाने का झाँसा दिया था।
मोहम्मद फरीद ने अपनी शिकायत मे आगे बताया कि जमील की बातों में आकर उन्होंने 85,000 रुपए चारबाग मेट्रो स्टेशन के पास उसे सौंप दिए। 23 सितंबर को फरीद दोनों बहनों का मेडिकल कराने बलरामपुर अस्पताल पहुँचे। वहाँ मेडिकल के नाम पर खानापूर्ति की गई।
मोहम्मद फरीद ने बताया कि अस्पताल में उन्हें मदेयगंज की भी दो लड़कियाँ मिली थीं। उन लड़कियों से किसी रानी नाम की महिला ने 40,000 रुपए लिए थे और होमगार्ड में नौकरी दिलाने का भरोसा दिया था। इसके बाद बाद जमील ने उन्हें गोरखपुर में ट्रेनिंग के लिए आने की बात कही।
पीड़िताओं का आरोप है कि 29 सितंबर को जमील ने सबको ट्रेन का टिकट भेजा। इसके साथ ही उन्हें कहा कि वे अपने परिजनों को साथ लेकर ना आएँ। इसके अलावा, ट्रेनिंग कहाँ होनी है, इसका भी सही पता जमील ने नहीं दिया। इसके बाद पीड़िताओं को जमील पर शक हुआ। इस शक के आधार पर उन्होंने थाने में शिकायत की।
पुलिस का कहना है कि मामले में इस एंगल से जाँच करने की कोशिश की जाएगी कि ये महिलाओं को दूसरे जिलों में ट्रेनिंग के लिए क्यों बुलाते थे। कहीं इनका संबंध किसी मानव तस्करी गिरोह से तो नहीं। पुलिस का कहना है कि ठगी सिर्फ महिलाओं से करने को लेकर इस बात की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए हर एंगल की जाँच की जाएगी।
एडीसीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा का कहना है कि आरोपित जमील ने चारों युवतियों का महराजगंज के आनंदनगर का टिकट कराया था। यहाँ से नेपाल सिर्फ 30 किलोमीटर दूर है। ऐसे में मानव तस्करी गिरोह से जुड़े होने की आशंका को बल मिल रहा है। पूछताछ के लिए आरोपित को रिमांड पर लिया जाएगा।
जमील 10वीं फेल है और दुबई में बुरका पेंट करने का काम करता था। तीन माह पहले नौकरी छूट गई तो वह लखनऊ आ गया। यहाँ मदेयगंज निवासी रानी से मुलाकात हुई और दोनों मिलकर धोखाधड़ी करने लगा। उसने बताया कि उनके निशाने पर अधिकांश निजी अस्पताल होते थे।
इतना ही नहीं, कहा जा रहा है कि लिवाना होटल में हुए अग्निकाण्ड के बाद आरोपित जमील ने अग्निशमन उपकरण की चेकिंग के नाम पर चारबाग और नाका के कई होटलों से रुपए भी वसूले थे। पूछताछ में आरोपित जमील ने बताया कि उसने महाराजगंज में ही इंस्पेक्टर की वर्दी बनवाई थी। उसने 700 रुपए में नेम प्लेट, कंधे के सितारे और UPP लिखा बिल्ला खरीदा था।