पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में तृणमूल कॉन्ग्रेस के विधायक माणिक भट्टाचार्य (Manik Bhattacharya) की गिरफ्तारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कई बड़े खुलासे किए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस घोटाले में कई हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों के शामिल होने की बात सामने आई है। ईडी ने इस एवज में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल सबूत भी एकत्रित किए हैं।
जाँच एजेंसी ने कई बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने का सुझाव देने वाले एक पत्र के अलावा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को संबोधित एक पत्र को जब्त किया है। ये सभी इस तथ्य की ओर इशारा करते हैं कि लोगों को नौकरी देने के बदले में काफी पैसा लिया गया था। केंद्रीय जाँच एजेंसी ने करोड़ों रुपए के शिक्षक भर्ती घोटाले में अन्य महत्वपूर्ण सबूतों के अलावा राज्य की प्राथमिक शिक्षक परीक्षा के लिए चुने गए उम्मीदवारों के नाम और रोल नंबर वाली एक सीडी को भी जब्त करने का दावा किया है।
Incriminating evidence mentioning CM #MamataBanerjee seized by ED in #TeachersRecruitmentScam#SSCscam #WestBengal https://t.co/xRCGwlyjwi
— Zee News English (@ZeeNewsEnglish) October 13, 2022
बताया जा रहा है कि एजेंसी ने सीएम ममता बनर्जी को कथित तौर पर संबोधित एक पत्र मिलने की बात भी कही है। इसमें पुष्टि की गई है कि 44 उम्मीदवारों में से हर एक ने नौकरी के बदले में 7 लाख रुपए का भुगतान किया था। यह राशि कथित तौर पर एक टीएमसी नेता द्वारा एकत्र की गई थी।
बता दें कि पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 11 अक्टूबर 2022 को तृणमूल कॉन्ग्रेस के विधायक माणिक भट्टाचार्य को गिरफ्तार किया था। ईडी की ओर से दायर चार्जशीट में यह खुलासा किया गया था कि पार्थ चटर्जी और माणिक भट्टाचार्य ने मिलकर शिक्षक भर्ती में धांधली की है। पार्थ चटर्जी के फोन से भी जाँच एजेंसी को माणिक भट्टाचार्य के बारे में कई जानकारियाँ मिली थीं।
इस मामले में पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को ईडी ने 23 जुलाई 2022 को गिरफ्तार किया था। अपनी करीबी अर्पिता मुखर्जी के अलग-अलग फ्लैटों में मिले करोड़ों रुपए को लेकर पार्थ चटर्जी ने अलग ही कहानी बयाँ की थी।