केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने कॉन्ग्रेस नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) के संशोधित आईटी नियमों को लेकर किए गए दावों को ‘फर्जी’ करार दिया है। विवादित बयानों के लिए मशहूर कपिल सिब्बल ने शनिवार (29 अक्टूबर, 2022) को मीडिया से बात करते हुए कहा था कि नए आईटी नियमों के तहत सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा।
दरअसल, कॉन्ग्रेस सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहे कपिल सिब्बल ने संशोधित आईटी नियमों के लिए केंद्र सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि पहले मोदी सरकार ने टीवी नेटवर्क पर कब्जा कर लिया और अब वो सोशल मीडिया पर कब्जा करने वाले हैं।
First, they captured the TV networks & now they’re gonna capture social media platforms. It’s the comprehensive capture of media. We’re moving towards one code of conduct, one political party, one system of governance & no answerability to anyone: Former IT Minister Kapil Sibal
— ANI (@ANI) October 29, 2022
उन्होंने यह भी कहा था, “हम एक आचार संहिता, एक राजनीतिक दल, एक शासन प्रणाली और किसी के भी प्रति जवाबदेह नहीं होने की ओर बढ़ रहे हैं।” उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि सोशल मीडिया सरकार के लिए सुरक्षित और दूसरों के लिए असुरक्षित रहे, यही मोदी सरकार की नीति है। आम नागरिकों के लिए एकमात्र मंच सोशल मीडिया बचा था। लेकिन, अब यहाँ भी अपमान जनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ भी मुकदमा चलेगा।
Former Union IT Minister Kapil Sibal in a statement claims that under the amended IT rules, people making defamatory statements will be prosecuted#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) October 29, 2022
◼️This claim is Misleading
◼️The amended IT Rules have not added any new provision for prosecution pic.twitter.com/e0n2y9z7bb
कपिल सिब्बल के इस बयान पर पीआईबी ने कहा है कि पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री कपिल सिब्बल द्वारा किया गया यह दावा पूरी तरह से निराधार है। आईटी नियमों में अभी किसी भी प्रकार का ऐसा संशोधन नहीं किया गया है, जिसमें अपमानजनक टिप्पणी करने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान हो।
नए आईटी नियमों की बात करें तो केंद्र सरकार ने कहा है कि अब सभी विदेशी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भारतीय नियमों का पालन करना होगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स अब एल्गोरिथ्म की आड़ में मनमानी नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा यूजर्स को शिकायत के लिए एक व्यवस्था प्रदान की जाएगी। अभी तक यह नियम था कि अगर किसी सोशल मीडिया यूजर का कंटेंट या अकाउंट ब्लॉक हुआ तो वह यूजर कहीं अपील नहीं कर सकता था। लेकिन अब इन कंपनियों को एक यूजर की शिकायत के लिए समिति बनानी होगी। इस समिति में सोशल मीडिया यूजर्स अपना पक्ष रख सकेंगे।
नए नियम के अनुसार, सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को 90 दिनों के अंदर शिकायत की अपील के लिए पैनल बनाना होगा। साथ ही संवेदनशील कंटेंट पर 24 घंटे में एक्शन लेना होगा और किसी अन्य शिकायत पर 15 दिनों के अंदर एक्शन लेना होगा, जिससे आपत्तिजनक कंटेंट वायरल नहीं हो सके।