Monday, December 23, 2024
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अस्पताल में दिग्गज एक्टर विक्रम गोखले, मौत की अफवाहों पर बोली बेटी- वे जिंदा हैं: कभी कंगना और भगवा का समर्थन करने पर बने थे निशाना

पिछले साल जब कंगना रनौत ने एक टीवी चैनल पर कहा था कि 1947 में आजादी हमें भीख में मिली, तब विक्रम गोखले उनका समर्थन करने के कारण चर्चा में आए थे। इसके बाद कई लोगों ने उन्हें निशाना बनाते हुए कहा था कि उन्हें भाजपा ज्वाइन करनी चाहिए।

बॉलीवुड अभिनेता विक्रम गोखले के निधन की खबरों के बीच जहाँ फिल्म सितारे उन्हें सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि देने में लग गए, वहीं इस बीच उनके परिवार का बयान आया है। परिवार का कहना है कि विक्रम अपनी बिगड़ी तबीयत के कारण अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन अभी उनका निधन नहीं हुआ है।

82 वर्षीय विक्रम गोखले खराब तबीयत के कारण दीनानाथ मंगेश्कर अस्पताल में भर्ती हुए थे। उनकी बेटी ने कहा, “उनकी हालात गंभीर है। उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। मगर अभी उनका देहांत नहीं हुआ है। उनके लिए दुआ करते रहिए।” 

वहीं गोखले के परिवार के करीबी आनंद दवे ने कहा, “अभी उन्हें कुछ खास दवाइयाँ दी गई हैं। उन्हें पुणे उनके घर करीब 10 बजे लेकर जाया जाएगा। उनकी दोनों बेटियों ने अपील की है कि उनके पिता की तबीयत के बारे में कोई अफवाहें न उड़ाई जाएँ।”

बता दें कि एक्टर विक्रम गोखले ‘हम दिल दे चुके सनम, परवाना, भूल भुलैया’ जैसी तमाम बॉलीवुड फिल्मों में अपनी एक्टिंग से जान डाल चुके हैं। पिछले साल भी वो कंगना रनौत के एक बयान का समर्थन करने के कारण चर्चा में आए थे।

विक्रम गोखले ने किया था कंगना का समर्थन

कंगना ने एक कार्यक्रम के दौरान 1947 में मिली आजादी को ‘भीख’ बताया था। इस पर गोखले ने उनका समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि कंगना रनौत ने जो कहा वह उससे सहमत हैं। विक्रम गोखले महाराष्ट्र के पुणे में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुँचे थे। तभी उन्होंने यह भी कहा था कि भारत को कभी भी ‘हरा’ नहीं होना चाहिए और इसे ‘भगवा’ बनाए रखने के प्रयास किए जाने चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा था कि “कंगना रनौत ने जो कहा मैं उससे सहमत हूँ। हमें भीख में आजादी मिली। यह दिया गया था। बहुत से स्वतंत्रता सेनानी जिन्हें फाँसी दी गई थी, बड़े-बड़े लोगों ने उन्हें बचाने की कोशिश नहीं की। वे मूकदर्शक बने रहे।” गोखले ने बाद में इंडियन एक्सप्रेस से भी कहा, “कंगना रनौत ने जो कहा, उससे मैं भी सहमत हूँ कि हमें 2014 में असली आजादी मिली थी।”

उनके इस बयान के बाद उन्हें निशाना बनाया गया था। कई लोगों ने उन्हें भाजपा ज्वाइन करने की सलाह दी थी। इस पर गोखले ने कहा था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंधभक्त नहीं हैं। उन्होंने कहा, “जब पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह चुनाव प्रचार पर जाते हैं, तो मैं उनकी बातों से सहमत नहीं होता। लेकिन हाँ, जब वे राष्ट्रहित में काम करते हैं, जैसे कि जिस तरह से उन्होंने चीन को बैकफुट पर पहुँचा दिया है, तो मैं उनका समर्थन करता हूँ।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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