दिल्ली पुलिस को श्रद्धा मर्डर केस के आरोपित आफताब के खिलाफ बड़ा सबूत मिला है। दावा किया जा रहा है कि जंगल से मिली हड्डियाँ श्रद्धा वालकर की ही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में फॉरेंसिक लैब के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि जंगल से मिली हड्डियाँ और श्रद्धा के पिता के ब्लड सैंपल का डीएनए मैच हो गया है। हालाँकि, पुलिस की ओर से आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने फॉरेंसिक लैब को जंगल से मिली हड्डियाँ सौंपी थीं। इन हड्डियों का डीएनए और श्रद्धा के पिता के ब्लड सैंपल का डीएनए मिलान हो गया है। दिल्ली पुलिस को अब इसकी रिपोर्ट का इंतजार है। वहीं, इस मामले में स्पेशल CP (लॉ एंड ऑर्डर) सागर प्रीत हुड्डा का कहना है कि उन्हें अब तक DNA टेस्ट रिपोर्ट (पीड़िता के पार्ट्स की) नहीं मिली है।
गौरतलब है कि श्रद्धा के पिता विकास वालकर ने इस हत्याकांड की CBI जाँच की माँग की है। एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा है, आफताब अब भी पुलिस को गुमराह कर रहा है, इसलिए मामले की सीबीआई जाँच होनी चाहिए। आफताब श्रद्धा को लगातार ब्लैकमेल करता था और उसे डरा- धमका कर रखता था। वह श्रद्धा को जान से मारने की धमकी दे चुका था।
विकास वालकर ने यह भी कहा था, “श्रद्धा की हत्या में आफताब का परिवार भी शामिल है। आफताब के माता-पिता उसकी हरकतों के बारे में जानते थे। उन्हें पता था कि श्रद्धा के साथ क्या हो रहा है, वह चाहते तो मुझे इस बारे में बता सकते थे लेकिन मुझे कुछ भी नहीं बताया गया।”
पुलिस की पूछताछ में यह सामने आया है कि श्रद्धा हत्याकांड का आरोपित आफताब किसी शातिर हत्यारे की तरह सोच रहा था। आफताब जानता था कि हत्या के बाद जाँच होने पर पुलिस उसके मोबाइल के जीपीएस की जाँच कर सकती है। इसलिए वह जब श्रद्धा के शरीर के टुकड़ों को फेंकने जाता था तो वह फोन का जीपीएस बंद कर देता था। साथ ही, कई बार वह अपना फोन घर में भी छोड़कर चला जाता था।
यही नहीं, श्रद्धा की हत्या के बाद किसी को उस पर शक न हो इसलिए वह लगातार ऑफिस जाता रहा। यही नहीं, हत्या के बाद श्रद्धा के परिवार वालों और फ्रेंड्स की नजरों में श्रद्धा को जिंदा दिखाने के लिए आफताब उसके इंस्टाग्राम अकाउंट को यूज करता रहा। यहाँ तक कि उसने उसके इंस्टाग्राम से कुछ पोस्ट्स भी किए थे।