हाल ही में बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान की पहली नेटफ्लिक्स सीरीज बार्ड ऑफ ब्लड का ट्रेलर रिलीज हुआ है। यह स्पाई थ्रिलर सीरीज, 2015 में बिलाल सिद्दीकी द्वारा लिखे गए इसी नाम के उपन्यास पर आधारित है। ट्रेलर की शुरुआत बलूचिस्तान में कुछ भारतीय जासूसों के पकड़ने से होती है। इसमें तीन भारतीय एजेंट की कहानी दिखाई जा रही है। तीनों एजेंट एक सीक्रेट मिशन या सुसाइड मिशन पर होते हैं। ट्रेलर के रिलीज होने पर पाकिस्तान ने एक बार फिर से अपनी मूर्खता का परिचय दिया है। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ गफूर ने इसकी आलोचना करते हुए शाहरुख खान को बॉलीवुड सिंड्रोम में ही रहने की बात कही है।
Stay in bollywood syndrome @iamsrk . For reality see RAW Spy Kulbhushan Jadev, Wing Comd Abhinandan & state of 27 Feb 2019.
— Asif Ghafoor (@peaceforchange) August 23, 2019
You could rather promote peace & humanity by speaking against atrocities in IOJ&K and against Hindituva of Nazism obsessed RSS. https://t.co/0FWqoRQsO6
उन्होंने कहा कि अगर शाहरुख को हकीकत जानना है तो जासूस कुलभूषण जाधव, विंग कमांडर अभिनंदन और 27 फरवरी 2019 की घटनाओं पर गौर करें। आसिफ गफूर का कहना है कि शाहरुख खान ने आरएसएस के हिंदुत्ववादी नाजीवाद की पैरोकारी की है। गफूर ने ट्वीट किया कि शाहरुख खान इस तरह की सीरीज बनाने की बजाए IOK और जम्मू कश्मीर में अत्याचारों और आरएसएस के हिंदुत्ववादी नाजीवाद के खिलाफ बोलकर शांति को बढ़ावा दे सकते हैं।
हैरानी की बात है कि पूरे समय हिंसा की बात करने वाला देश आज शांति की बात कर रहा है। जिस देश के आतंकियों का समर्थन करने का पूरा विश्व साक्षी रहा है, टेरर फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और आंतकवादियों को वित्तपोषण से जुड़े 40 में से 32 मानकों को खड़ा न उतरने की वजह से देश को FATF की एशिया प्रशांत इकाई (APG) ने ‘ब्लैक लिस्ट’ में डाल दिया है, उस पाकिस्तान की सेना के प्रवक्ता भारत को शांति का पाठ पढ़ा रहे हैं।
आसिफ गफूर विंग कमांडर अभिनंदन की बात करते हुए ये भूल गए हैं कि दुश्मन देश में जाने के बाद भी विंग कमांडर ने अपनी हिम्मत नहीं छोड़ी थी और भारत के सामने पाकिस्तान को घुटने टेकने पड़े थे और फिर ससम्मान भारत को लौटाना पड़ा था। कुलभूषण जाधव भी जल्द ही बेगुनाह साबित होकर अपने देश लौटेंगे, तो बेहतर यही होगा कि पाकिस्तान इन सब चीजों अपना ज्ञान न देकर अपने देश की अर्थव्यवस्था और अंदरुनी उलझनों को सुलझाने की कोशिश करे।