असम के मोरीगाँव जिले के एक मुस्लिम बहुल गाँव में एक हिंदू परिवार को भगाने और उसकी संपत्ति हड़पने के लिए लगातार उसे प्रताड़ित किया जा रहा है। कट्टरपंथियों ने हिंदू परिवार के घर को आग के हवाले कर दिया और उसे वहाँ से तुरंत भाग जाने के लिए कहा है। ऐसा नहीं करने पर उसे जान से मारने की धमकी दी है।
राजू रविदास का परिवार लहरीघाट क्षेत्र के एक गाँव में रहता है। यह गाँव मुस्लिम बहुल है और राजू का परिवार गाँव का अकेला हिंदू परिवार है। राजू 100 साल से भी अधिक समय से इस गाँव में रह रहे हैं। अंग्रेजों के समय उनका परिवार बिहार से यहाँ आकर बसा था। अब उन्हें और उनके परिवार को अपनी जमीन-जायदाद छोड़कर भागने के लिए विवश किया जा रहा है।
"मुस्लिम गांव में अकेले हिंदू परिवार पर कहर….. पड़ोसी दे रहे जान से मारने की धमकी, जलाया पुश्तैनी घर"
— Shivam Dixit (@ShivamdixitInd) December 13, 2022
सीएम @himantabiswa ने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर दिए आदेश। असम के मोरीगांव जिले के लाहौरीघाट क्षेत्र का मामला। https://t.co/iV3aphlYry pic.twitter.com/zMGxRDPgrT
जिस गाँव में राजू रविदास का परिवार रहता है, वह मुस्लिमों का गाँव है और वे सब भी दूसरी जगहों से यहाँ आकर बसे हैं। कभी इस इलाके में सैकड़ों हिंदू परिवार रहा करते थे, लेकिन कट्टरपंथी मुस्लिमों के आतंक से डरकर वे सभी वहाँ से भागने को विवश हो गए। आज पूरे इलाके में सिर्फ 16 परिवार बचे हैं, जो अलग-थलग रहने को मजबूर हैं।
राजू रविदास के पास एक एकड़ से अधिक पैतृक भूमि है। उनका पड़ोसी अब्दुल जलील लंबे समय से उस जमीन पर नजर गड़ाए हुए है। अब्दुल के परिवार में 25 लोग हैं और वे सभी राजू के परिवार को धमकी देते रहते हैं। राजू के परिजनों के कहना है कि अब्दुल के परिवार वाले अक्सर उनके परिवार पर हमला कर किसी ना किसी को पीटते रहते हैं।
हाल ही राजू को एक बार फिर धमकी दी गई और उन्हें गाँव को छोड़कर जाने के लिए कहा गया। कुछ साल पहले जब वे परिवार के साथ एक शादी में शामिल होने के लिए गए थे और कट्टरपंथियों ने उनके घर को आग के हवाले कर दिया था। इसमें उनका सारा सामान जलकर खाक हो गया था।
इस परिवार की कहानी जब एक स्थानीय अखबार में छपी तो असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने परिवार को सुरक्षा देने का आदेश दिया है। इसके बाद सोमवार (12 दिसंबर 2022) को जिले के एसपी पुलिसबल के साथ गाँव पहुँचे और हिंदू परिवार से मुलाकात की। अलग-बगल के लोगों का कहना है कि बड़े पैमाने पर मुस्लिमों के घुसपैठ के कारण वे अल्पसंख्यक हो गए हैं और तरह-तरह की परेशानियों का सामना कर रहे हैं।