Sunday, September 8, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय'नमामि गंगे' का मुरीद हुआ चीन, कहा- मोदी सरकार की ​परियोजना अनुकरणीय

‘नमामि गंगे’ का मुरीद हुआ चीन, कहा- मोदी सरकार की ​परियोजना अनुकरणीय

चीनी अधिकारियों ने कहा कि भारत ने गंगा की स्वच्छता हेतु न सिर्फ़ एक व्यापक तंत्र के निर्माण में सफलता पाई है बल्कि साधु-संतों सहित जनता को भी इस मिशन में भागीदार बना कर नदी की सुरक्षा सुनिश्चित की है।

भारत सरकार की ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम से चीन भी गदगद है। चीन ने ‘नमामि गंगे’ को अनुकरणीय बताया है। बता दें कि मोदी सरकार ने ‘राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन’ के तहत गंगा नदी की सफाई के लिए कई अहम निर्णय लिए। जिन राज्यों से गंगा नदी गुजरती है, उन्हें भी इस मिशन में शामिल किया गया है। भारत की पौराणिक नदी की स्वच्छता के लिए लोगों जागरूक करने का अभियान भी चलाया जा रहा है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नदी की सफाई के लिए बजट को चार गुना करते हुए पर 2019-2020 तक नदी की सफाई पर 20,000 करोड़ रुपए खर्च करने की केंद्र की प्रस्तावित कार्य योजना को मंजूरी दी हुई है। चीन ने कहा है कि पानी से सम्बंधित परियोजनाओं में जनता की भागीदारी काफ़ी महत्वपूर्ण और ज़रूरी होती है। ख़ासकर, जब मामला जल-संरक्षण और पर्यावरण से जुड़ा हो। चीन के अधिकारियों ने कहा कि भारत ने ‘नमामि गंगे’ के तहत जो किया है, वह अनुकरणीय है।

चीनी अधिकारियों ने कहा कि भारत ने गंगा की स्वच्छता हेतु न सिर्फ़ एक व्यापक तंत्र के निर्माण में सफलता पाई है बल्कि साधु-संतों सहित जनता को भी इस मिशन में भागीदार बना कर नदी की सुरक्षा सुनिश्चित की है। चीन के जल संसाधन मंत्रालय में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता विभाग के डायरेक्टर जनरल यु सिंगजुन ने कहा कि भारत ने इस मामले में अच्छा उदाहरण पेश किया है।

उन्होंने अपने देश की नदियों के बारे में बात करते हुए कहा कि वे भी काफ़ी प्रदूषित हैं लेकिन चीन उनकी साफ़-सफाई करने और पर्यायवरण को स्वच्छ रखने के लिए हर संभव क़दम उठा रही है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव 2014 से ही गंगा नदी की स्वच्छता की बात करते रहे हैं और वाराणसी दौरे के दौरान वह कई बार गंगा आरती में भाग ले चुके चुके हैं। उनके वाराणसी से संसद बनने के बाद काशी के घाटों की सूरत ही बदल गई है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -