महाराष्ट्र के अमरावती में 22 जून 2022 को उमेश कोल्हे की हत्या कर दी गई थी। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने चार्जशीट में बताया है कि इससे जुड़े लोग इस्लामी कट्टरपंथी हैं। उनका तबलीगी जमात से कनेक्शन है। 16 दिसंबर 2022 को NIA ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें 11 नाम हैं। मुख्य आरोपितों में से एक इरफान खान जमात का कट्टर समर्थक बताया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक NIA की चार्जशीट में बताया गया है कि कट्टरपंथियों का मकसद हत्या कर आतंक पैदा करना था। नूपुर शर्मा के समर्थन में व्हाट्सएप मैसेज फॉरवर्ड करने की वजह से कोल्हे उनके टारगेट पर थे। चार्जशीट में बताया गया है कि इरफान खान रहबर हेल्पलाइन नाम की एक NGO का मेंबर था। इस NGO ने कोरोना लॉकडाउन में फ्री एम्बुलेंस सुविधा शुरू की थी। बाद में तबलीगी जमात के अपने फॉलोवर्स की मदद से इरफान इस NGO का अध्यक्ष बन गया।
बचाव पक्ष की एक सामान्य हत्या की दलील को नकारते हुए NIA ने चार्जशीट में इसे सोची समझी साजिश के साथ पूरी तैयारी से आतंकी गतिविधि वाला कत्ल करार दिया है। NIA ने चार्जशीट में बताया है कि इस कत्ल के पीछे वही आतंकी सोच जिम्मेदार है जो देश के विभिन्न हिस्सों में युवाओं को कट्टरपंथ की तरफ धकेल रही है। कोल्हे का कत्ल लोगों में खौफ पैदा करने और देश के विभिन्न हिस्सों में दंगे करवाने की नीयत से किया गया था।
NIA ने चार्जशीट में बताया है कि इस कत्ल के पीछे वही आतंकी सोच जिम्मेदार है जो देश के विभिन्न हिस्सों में युवाओं को कट्टरपंथ की तरफ धकेल रही है। कोल्हे का कत्ल लोगों में खौफ पैदा करने और देश के विभिन्न हिस्सों में दंगे करवाने की नीयत से किया गया था।
गौरतलब है कि उमेश की हत्या मामले में मुख्य साजिशकर्ता यूसुफ नाम का एक डॉक्टर है, जो उमेश और उनके परिवार का दशकों पुराना जानकार है। जिनके खिलाफ चार्जशीट फाइल की है उनमें मुबशिर अहमद, शाहरुख खान, अब्दुल तौसीफ शेख, मोहम्मद शोएब, आतिब राशिद, यूसुफ खान, इरफान खान, अब्दुल अरबाज, मुस्फीक अहमद, शेख शकील और शाहिम अहमद के नाम शामिल हैं।