पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। इससे उबरने के लिए वहाँ कि सरकार कभी कम चाय पीने की सलाह दे रही है तो भैंस बेच रही है, तो कभी गधा। कभी विदेश में स्थित दूतावास की जमीन बेच रही है तो कभी पुरानी गाड़ियाँ। पैसे की कमी के कारण पाकिस्तान में ऊर्जा संकट भी उत्पन्न हो गया है।
बिजली बचाने के लिए पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने सभी बाजारों, मॉल, को रात 8:30 बजे बंद करने का आदेश दिया है। वहीं, बारात घर और रेस्टोरेंट रात 10 बजे बंद होंगे। सरकार का कहना है कि इस 62 अरब पाकिस्तानी रुपए की बचत होगी।
इस बारे में घोषणा करते हुए पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान के विभिन्न जगहों से इस बारे में एक प्रतिनिधिमंडल आया और बाजार बंद करने को लेकर अपने अलग-अलग सुझाव दिए। उन्होंने कहा, “किसी ने 8 बजे कहा, किसी ने 8:30 बजे तो किसी ने 9 बजे। हमने इसे 8:30 बजे कर दिया है।”
इतना ही नहीं, शहबाज शरीफ ने सरकारी विभागों को ऊर्जा को 30 प्रतिशत तक घटाने के लिए कहा है। सरकार ने रेस्टोरेंट और मैरेज हॉल को बंद का समय 10 बजे रात निर्धारित किया है। पाकिस्तान सरकार के इस फैसले का दुकानदारों ने विरोध किया है। जाहिर है कि इससे उनके व्यवसाय पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।
ऑल पाकिस्तान ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद अजमल बलोच का कहना है कि ऊर्जा संरक्षण से संबंधित कमिटी के अध्यक्ष ख्वाजा आसिफ ने व्यापार संघ से सुझाव माँगे थे और कहा था कि इसे वे प्रधानमंत्री के सामने रखेंगे। अध्यक्ष का कहना है कि आसिफ ने अचानक बाजार को 8:30 बजे बंद करने की घोषणा कर दी।
एसोसिएशन के अध्यक्ष अजमल बलोच का कहना है कि व्यापारी संघ अपनी दुकानों को इस समय पर बंद करने के लिए तैयार नहीं है और वे सरकार के इस फैसले को नहीं मानेंगे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार जबरदस्ती करेगी तो इसका विरोध किया जाएगा।
बता दें कि पाकिस्तान के पास एक सप्ताह से कम के विदेशी मुद्रा भंडार बचे हैं। वह अंतरराष्ट्रीय बाजार में ही नहीं, बल्कि घरेलू बाजार में भी दिवालिया होने के कगार पर खड़ा है। वित्तीय संकट और भी गहरा हो गया है, जब IMF ने अपने लोन के इंस्टॉलमेंट देने में देर कर दी।
बता दें कि IMF द्वारा पाकिस्तान को दिए गए 1.1 अरब डॉलर (लगभग 82.5 अरब रुपए) के बेलआउट पैकेज को हाल ही रोक दिया गया है। इसकी वजह यह है कि इसको लेकर हुई 9वीं समीक्षा बैठक में लोगों के मत अलग-अलग रहे।
उधर इमरान खान से सत्ता हथियाने वाले प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पर लोगों का दबाव बढ़ता जा रहा है। शहबाज शरीफ के पास सीमित विकल्प हैं और इसी में वह मुल्क को बचाने के लिए हाथ-पाँव मार रहे हैं।
बता दें कि जून 2022 में पंजाब और सिंध के बाद इस्लामाबाद में भी 9 बजे के बाद मार्केट और शॉपिंग मॉल को बंद करने का सरकार ने ऐलान किया था। उस दौरान इस्लामाबाद के उपायुक्त ने अपने आदेश में कहा था कि सभी दुकानें, शॉपिंग मॉल, बेकरी और कन्फेक्शनरी, कार्यालय, स्टोर रूम, गोदाम और पशु बाजार रात 9 बजे बंद हो जाएँगे। इसके अलावा, मैरिज हॉल, मार्की और प्रदर्शनी हॉल का समय रात 10:00 बजे तक सीमित रहेगा।
इसमें आगे कहा गया थी कि सभी वाणिज्यिक या औद्योगिक प्रतिष्ठान, रेस्तरां, क्लब, तंदूर, भोजनालय, कैफे, सिनेमा, थिएटर या सार्वजनिक मनोरंजन के अन्य स्थान और सार्वजनिक पार्क रात 11:30 बजे बंद हो जाएँगे। हालाँकि, अस्पताल, प्रयोगशाला, क्लीनिक, फार्मेसी एवं मेडिकल स्टोर, पेट्रोल पंप, दूध की दुकानों और अन्य आवश्यक व्यवसायों को इससे छूट दी गई थी।
एक मंत्री ने लोगों से कम चाय पीने के लिए कहा था, ताकि विदेशी मुद्रा की बचत की जा सके। देश के योजना एवं विकास मंत्री अहसान इकबाल ने कहा था कि पाकिस्तानी अपनी चाय की खपत को प्रति दिन ‘एक या दो कप’ कम कर सकते हैं, क्योंकि इसका आयात सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव डाल रहा है।
इसके पहले एक एयरपोर्ट कर्मचारी ने देश में बढ़ते पेट्रोल के दामों को लेकर गधा गाड़ी से ऑफिस पहुँचने की अनुमति माँगी थी। दरअसल, सरकार ने रेल मंत्री ने ईंधन की कीमतों में वृद्धि का बहाना बनाकर एक्सप्रेस ट्रेनों के किराए में 10 प्रतिशत और मालवाहक ट्रेनों के किराए में 15 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की थी।