दिल्ली के कंझावला में हुए एक्सीडेंट मामले में आरोपितों ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस से हुई पूछताछ में आरोपितों ने कहा है कि उन्हें यह पता था अंजलि कार के नीचे फँसी हुई है। लेकिन, वे लोग डर गए थे इसलिए उन्होंने बॉडी नहीं निकाली।
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि आरोपितों ने कबूल किया है कि उन्हें गाड़ी के नीचे मृतक अंजलि के फँसे होने की जानकारी थी। आरोपितों ने पुलिस को बताया है कि उन्हें इस बात का डर था कि यदि उन्हें कार से लड़की को निकालते हुए किसी ने देख लिया तो वह फँस जाएँगे। उनके ऊपर हत्या का केस लग जाएगा।
आरोपितों ने यह भी कहा है कि लड़की के कार में फँसने के बाद वे बेहद डर गए थे। उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था कि कहाँ जाएँ। हालाँकि, उन्हें यह लग रहा था कि लगातार कार चलाने से लड़की निकल जाएगी इसलिए वे कार को दौड़ाते रहे। यही कारण है कि उन्होंने सुल्तानपुरी से कंझावला तक कई बार यू-टर्न लिया था। आरोपितों ने यह भी कबूल किया है कि उन्होंने पुलिस को तेज म्यूजिक सिस्टम वाली जो बात बताई थी, वह पूरी तरह झूठी थी।
गौरतलब है कि 1 जनवरी, 2023 की रात भयानक कार एक्सीडेंट में अंजलि नामक लड़की की मौत हो गई थी। जब, वह होटल से अपने घर लौट रही थी तब एक कार ने उसकी स्कूटी को टक्कर मार दी थी। टक्कर के बाद, वह कार में ही फँस गई थी।
आरोपित उसे कार से निकालने के बजाए 12 किलोमीटर तक लगातार घसीटते रहे। इससे उसके पैर तक कट गए थे। बाद में, उसकी बॉडी नग्नावस्था में बरामद हुई थी। अजंलि अपने घर में कमाने वाली इकलौती थी। इस मामले में, पुलिस ने दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण, मिथुन, मनोज मित्तल, आशुतोष और अंकुश खन्ना को आरोपित बनाया है। इनमें से एक आरोपित अंकुश खन्ना को जमानत मिल गई है।