गुजरात दंगों पर आधारित बीबीसी की प्रोपेगंडा डॉक्यूमेंट्री पर विवाद जारी है। मशहूर फिल्म निर्देशक शेखर कपूर और बॉलीवुड अभिनेता कबीर बेदी ने इस विवादित डॉक्यूमेंट्री पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कई ट्वीट किए हैं। कबीर के ट्वीट पर सहमति जताते हुए सोमवार (23 जनवरी, 2023) को डायरेक्टर शेखर कपूर (Shekhar Kapur) ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कबीर बेदी (Kabir Bedi) को टैग करते हुए लिखा, “आप ठीक कह रहे हैं कबीर। मैं भारत को अस्थिर करने के प्रयासों को लगातार देख रहा हूँ… ऐसा लगता है जैसे अब कोई भारत को महाशक्ति बनने से नहीं रोक सकता।”
You’re right Kabir @iKabirBedi .. I’m constantly seeing attempts to destabilise India .. it’s like some cannot handle India on its way to become a super power.. https://t.co/YWZktU0rG6
— Shekhar Kapur (@shekharkapur) January 23, 2023
इससे पहले रविवार (22 जनवरी 2023) को भी शेखर कपूर ने ट्वीट करके बीबीसी पर निशाना साधा था। उन्होंने लिखा था, “मुझे आश्चर्य है कि क्या बीबीसी के पास कभी ब्रिटेन के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्ति विंस्टन चर्चिल के बारे में सच्चाई बताने का साहस था, जो बंगाल के अकाल के लिए काफी हद तक जिम्मेदार था। जिसके कारण भुखमरी से लाखों लोगों की मौत हो गई थी। वह उन जनजातीय समाज के लोगों, कुर्दों पर रासायनिक बम गिराने वाला पहला व्यक्ति है।”
I wonder if the #BBC has ever had the courage to tell the truth about one of Britain’s most cherished icons #winstonchurchill Largely responsible for the Bengal famine, causing starvation and death of millions. The first person to drop chemical bombs on those ‘tribals’ the Kurds
— Shekhar Kapur (@shekharkapur) January 22, 2023
इतना ही नहीं, दिग्गज अभिनेता कबीर बेदी ने बीबीसी की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाया। कबीर ने बीबीसी की ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ शीर्षक से दो पार्ट में बनाई गई डॉक्यूमेंट्री सीरीज को लेकर अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, “बीबीसी डॉक्यूमेंट्री एक मौलिक तथ्य पर प्रकाश डालती है: कॉन्ग्रेस शासन के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एक विशेष जाँच दल ने पीएम मोदी को इस मामले में बरी कर दिया था। 2002 की ब्रिटिश जाँच की उतनी ही विश्वसनीयता है, जितनी कि इराक में जनसंहार के हथियारों की रिपोर्ट की।”
इससे पहले अभिनेता ने 20 जनवरी, 2023 को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर बीबीसी को आड़े हाथों लिया था। उन्होंने बीबीसी की प्रोपेगंडा डॉक्यूमेंट्री ‘द मोदी क्वेश्चन’ को पक्षपाती डॉक्यूमेंट्री बताते हुए दावा किया था कि मोदी के भारत में ‘धार्मिक अशांति है’, यह दशकों पुराने आरोपों पर आधारित है। इन आरोपों को अदालतों ने काफी समय पहले ही सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा था कि यह गटर पत्रकारिता है। सनसनीखेज खबर चलाने के नाम पर सभी अंधे हो चुके हैं।
The #BBCDocumentary glosses over a fundamental fact:
— KABIR BEDI (@iKabirBedi) January 22, 2023
A Special Investigation Team appointed by the Supreme Court, during Congress rule, exonerated PM Modi.
The British Inquiry of 2002 has as much credibility as their reports of weapons of mass destruction in Iraq. @BBCWorld https://t.co/y7x8ui8KjI
उल्लेखनीय है कि सरकार के आदेश के बाद ट्विटर और यूट्यूब से डॉक्यूमेंट्री से संबंधित लिंक हटाए जा रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूट्यूब वीडियो के लिंक वाले 50 से ज्यादा ट्वीट्स को ब्लॉक किया गया है। आईटी नियम, 2021 के तहत इमरजेंसी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सरकार ने यह कार्रवाई की है। बीबीसी की ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ शीर्षक से दो पार्ट में बनाई गई डॉक्यूमेंट्री सीरीज में गुजरात दंगों को लेकर पीएम मोदी के कार्यकाल पर हमला किया गया है।
दंगों के दौरान मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। केंद्रीय विदेश मंत्रालय ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जारी इस विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री की निंदा की थी। विदेश मंत्रालय ने इसे भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने की कोशिश करार दिया था। इस डॉक्यूमेंट्री में गोधरा कांड में इस्लामवादियों की भूमिका पर पर्दा डालने की कोशिश की गई है। गोधरा कांड में 59 हिंदू मारे गए थे।