Sunday, November 17, 2024
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‘पश्चिम बंगाल में ₹2.30 लाख करोड़ का घोटाला’: CM ममता बनर्जी पर बड़ा आरोप, कलकत्ता हाईकोर्ट में दर्ज याचिका में कैग की रिपोर्ट का भी जिक्र

यह याचिका तीन व्यक्तियों पत्रकार एवं पश्चिम बंगाल में भाजपा इकाई के महासचिव जगन्नाथ चट्टोपाध्याय, अधिवक्ता सुमन शंकर चटर्जी और सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी रित्विक पॉल ने 20 जनवरी 2023 को दायर की थी।

भाजपा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने ‘संडे गार्जियन’ की ए​क रिपोर्ट का हवाला देते हुए ममता बनर्जी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने मंगलवार (7 फरवरी, 2023) को ट्वीट किया, “यह पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर किए गए एक और घोटाले का संकेत है। कलकत्ता उच्च न्यायालय में दायर एक याचिका में राज्य सरकार द्वारा 2.30 लाख करोड़ रुपए की भारी रकम की हेराफेरी का आरोप लगाया गया है। यह मामला कैग की एक रिपोर्ट पर आधारित है, जो सबूतों पर आधारित है। नतीजे का इंतजार है।”

‘संडे गार्जियन’ की यह रिपोर्ट 4 फरवरी, 2023 की है। इसमें पिछले महीने कलकत्ता हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में पश्चिम बंगाल सरकार पर बड़े वित्तीय घोटाले का आरोप लगाया गया है। याचिका में राज्य सरकार पर हेराफरी करने का आरोप लगाते हुए दावा किया गया है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी कि गई राशि 229,099 करोड़ रुपए को उचित दस्तावेजों के बिना ही खर्च कर दिया गया।

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने उपयोगिता प्रमाण पत्र से राशि का दुरुपयोग करने और गबन की ओर इशारा किया है। याचिका में राज्य के अधिकारियों पर कथित घोटाले का समर्थन करने का भी आरोप लगाया गया है। कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष दायर याचिका में कहा गया है कि CAG की रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा 31 मार्च, 2021 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में विभिन्न विसंगतियों, अनियमितताओं और सरकारी धन के दुरुपयोग की ओर इशारा किया गया है, जो बड़े वित्तीय घोटाले और अपराध की ओर संकेत करती है।

यह याचिका तीन व्यक्तियों पत्रकार एवं पश्चिम बंगाल में भाजपा इकाई के महासचिव जगन्नाथ चट्टोपाध्याय, अधिवक्ता सुमन शंकर चटर्जी और सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी रित्विक पॉल ने 20 जनवरी, 2023 को दायर की थी। यह उस वक्त दायर की गई थी, जब तीनों को कैग रिपोर्ट से पता चला कि ममता बनर्जी सरकार केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल को दिए गए धन के व्यय का दस्तावेजीकरण नहीं कर रही है।

‘संडे गार्जियन’ ने सीएजी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए आगे लिखा है, अभी तक 2,29,099 करोड़ रुपए का यूसी (उपयोगिता प्रमाण पत्र) पश्चिम बंगाल सरकार के विभिन्न विभागों से प्राप्त नहीं हुआ है। इसमें बड़े विभाग शहरी विकास और नगरपालिका, स्कूल शिक्षा, पंचायत और ग्रामीण विकास शामिल हैं। प्रत्येक विभाग क्रमशः 30,693 करोड़ रुपए, 36,850 करोड़ रुपए और 81,839 करोड़ रुपए की सीमा तक किए गए खर्च का यूसी जमा करने में विफल रहे हैं।

याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा है कि प्रभावी रूप से सरकारी खजाने के 2,29,099 करोड़ रुपए यूसी जैसे किसी भी दस्तावेज के बिना खर्च किए गए हैं, जबकि इसके लिए दस्तावेजीकरण अनिवार्य है। उपयोगिता प्रमाण पत्र के जरिए यह पता लगाया जाता है कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को जारी की गई धन राशि सही उद्देश्य के लिए पूरी की गई है। ऐसे में यूसी के अभाव में यह पता नहीं लगाया जा सका है कि जिस राशि को केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल सरकार को दिया था, उसे उचित कार्यों में लगाया गया है या नहीं।

बता दें कि इससे पहले राज्यसभा सांसद जेठमलानी ने बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने के लिए बीबीसी ने प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री बनाई है। उन्होंने BBC को भारत विरोधी और बिकाऊ भी बताया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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