केंद्र की मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना का लाभ अब देश को मिलने लगा है। नीति आयोग के सीईओ के परमेश्वरन अय्यर (Parameswaran Iyer) के बताया कि PLI योजना के तहत 45,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश मिला है और तीन लाख नौकरियाँ भी पैदा हुई हैं।
अय्यर ने कहा, “पीएलआई योजना के तहत परिणाम दिखने शुरू हो गए हैं। प्रोत्साहन के रूप में लगभग 800 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। हम मार्च से पहले प्रोत्साहन के रूप में भुगतान को 3000 करोड़ रुपए से 4000 करोड़ रुपए के करीब जाने की उम्मीद कर रहे हैं। यह योजना काम करती दिख रही है। लगभग 45,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश पहले ही आ चुका है। तीन लाख नौकरियाँ सृजित हुई हैं और 2 लाख करोड़ रुपए का उत्पादन पहले से ही दर्ज किया जा चुका है।”
अय्यर के अनुसार, “सरकार ने 2021-22 में 88,000 करोड़ रुपए के लक्ष्य को पार कर इसे 1 लाख करोड़ रुपए के लेनदेन तक पहुँचा दिया था। वहीं चालू वित्त वर्ष का लक्ष्य 1,62,422 करोड़ रुपए है।” हाल ही में संसद में पेश की गई आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में पीआईएल योजना का जिक्र किया गया था। रिपोर्ट में बताया गया था पीआईएल योजना के तहत कई क्षेत्रों में सरकार ने मदद की बात कही है। हालाँकि सबसे ज्यादा डिमांड इलेक्ट्रिक क्षेत्र को लेकर है। इस क्षेत्र में निर्यात 55 प्रतिशत की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।
आखिर क्या है पीएलआई
देश में निर्माण (Production) और विनिर्माण (Manufacturing) सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य PLI योजना को शुरू की गई थी। इसकी घोषणा साल 2020 में छठवीं गवर्निंग काउंसिल बैठक में की गई थी। इसका उद्देश्य देश में स्वदेशी वस्तुओं के निर्माण में तेजी लाना और चीन जैसे देशों से आयात को कम करना था। सरकार ने इसके लिए कुछ खास सेक्टर चिह्नित किए थे और इसके लिए बकायदा सरकार ने 1.97 करोड़ लाख करोड़ रुपए बतौर इंसेंटिव के तौर पर देने का प्रावधान भी रखा था।
सरकार ने जिन 14 क्षेत्रों को इस योजना के लिए चिह्नित किया है उनमें ऑटोमोबाइल, फार्मा, कपड़ा, खाद्य उत्पाद, उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल, उन्नत रसायन सेल समेत इत्यादि शामिल हैं ।