बिहार दौरे से पूर्व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख (RSS Chief) मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई, नक्सलियों और कट्टरपंथियों की ओर से धमकी मिली है। एसएसपी आनंद कुमार ने बताया, मोहन भागवत के 10 फरवरी के भागलपुर दौरे को लेकर जिले की पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है। साथ ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एसएसपी आनंद कुमार और सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) धनंजय कुमार महासभा के लोगों से लगातार संपर्क में है। एसएसपी ने महर्षि मेहीं परमहंसजी महाराज की उस गुफा का भी निरीक्षण किया, जहाँ भागवत के जाने का कार्यक्रम है। वहीं, सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों की टीम बीते तीन दिनों से शहर में आसपास की गतिविधियों पर नजर रख रही है। इसके अलावा नेपाल सीमा से नजदीक होने के कारण सुरक्षा एजेंसियाँ सीमांचल के अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार के अलावा नवगछिया, भागलपुर, बाँका में होने वाली गतिविधियों पर भी नजर रख रही हैं।
एसडीएम धनंजय कुमार ने एएनआई को बताया, “हम सतर्क हैं। एसएसपी ने निरीक्षण किया है। विभिन्न स्थानों पर पुलिस बल की तैनाती करने में कोई समस्या नहीं होगी। सीसीटीवी से भी निगरानी होगी, संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा बलों को वर्दी की जगह अलग कपड़ों में तैनात किया जाएगा।”
बता दें कि 10 फरवरी 2023 को महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के कुप्पा घाट आश्रम में गुरु के आवास और उन पर बनी डाक्यूमेंट्री के पोस्टर का उद्घाटन करेंगे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत कई हस्तियाँ मौजूद रहेंगी। भागवत का कार्यक्रम करीब तीन घंटे 45 मिनट तक चलेगा।
कार्यक्रम संयोजक पंकज दास ने बताया कि गुरु महर्षि मेंही ने गुफा के अंदर मार्च 1933 से नवंबर 1934 तक कठिन तपस्या की थी। इस गुफा के बारे में कहा जाता है कि इसका उपयोग महर्षि परमहंस ने ध्यान के लिए किया था, जिसके बाद से कुप्पाघाट महर्षि मेंही आश्रम के रूप में परिवर्तित हो गया।