सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में शिवसेना को लेकर एकनाथ शिंदे बनाम उद्धव ठाकरे के बीच विवाद पर सुनवाई चल रही है। इस बीच उद्धव ठाकरे को झटका देते हुए उनके करीबी माने जाने वाले नेता दीपक सावंत भी शिंदे के शिवसेना में शामिल हो गए हैं। दो दिन पहले ही भूषण देसाई ने भी पाला बदलकर शिंदे के शिवसेना का दामन थाम लिया था।
महाराष्ट्र की सत्ता जाने के बाद से उद्धव ठाकरे और उनके गुट की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। 17 फरवरी 2023 को शिवसेना का नाम और पार्टी चिन्ह शिंदे गुट को मिल जाने के बाद परेशान उद्धव ठाकरे को उनके करीबी भी छोड़ते जा रहे हैं। बुधवार (15 मार्च, 2023) को महाराष्ट्र के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ दीपक सावंत भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे के पास जा चुकी शिवसेना में शामिल हो गए।
I welcome Dr. Deepak Sawant to our Shiv Sena party. We will benefit from his experience: Maharashtra CM Eknath Shinde pic.twitter.com/Q3FD11T8iL
— ANI (@ANI) March 15, 2023
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दीपक सावंत का पार्टी में स्वागत किया। शिंदे ने कहा कि उनके अनुभव का फायदा हम सभी को मिलेगा। सीएम शिंदे ने खुद दीपक सावंत को पार्टी की सदस्यता दिलाई। सोमवार (13 मार्च 2023) को उद्धव ठाकरे के करीबी सुभाष देसाई के बेटे भूषण देसाई ने भी एकनाथ शिंदे के शिवसेना की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। उन्होंने कहा था कि एकनाथ शिंदे हिंदुत्व के विचार को आगे बढ़ा रहे हैं इसलिए मुझे उनपर भरोसा है।
दूसरी तरफ शिंदे बनाम उद्धव विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में जारी सुनवाई बुधवार (15 मार्च, 2023) को पूरी नहीं हो सकी। उम्मीद की जा रही है कि गुरुवार (16 मार्च) को 9वें दिन सुनवाई पूरी होगी। बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने महाराष्ट्र के सियासी घटनाक्रम पर कई सवाल किए। उन्होंने पूछा कि जब शिंदे गुट के विधायकों को कॉन्ग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन से ऐतराज था तो तीन सालों तक सत्ता में शामिल क्यों रहे?
सुनवाई कर रही पीठ ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा महाराष्ट्र में विश्वास मत बुलाए जाने के फैसले पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि विश्वास मत बुलाए जाने से सरकार गिरने का डर होता, है ऐसे में राज्यपाल को अपनी शक्ति का इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए।
कोर्ट में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का बचाव करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी। उन्होंने कहा शिवसेना विधायक दल ने एकनाथ शिंदे को नेता चुना था। इसलिए राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने के लिए बुलाया था। 25 जून 2022 को 38 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र राज्यपाल के पास पहुँचा था। बताया गया कि उनकी जान को खतरा है। छोटी पार्टियों के 38 विधायक और निर्दलीय समेत 47 विधायकों ने राज्यपाल को धमकियों की जानकारी दी थी।
भाजपा विधायक दल की तरफ से 28 जून 2022 को राज्यपाल को चिट्ठी भेजी थी। इस पर देवेंद्र फडणवीस के हस्ताक्षर थे। इसमें लिखा था कि ठाकरे सरकार के पास बहुमत नहीं है। आरोप लगाया गया था कि ठाकरे सरकार दल-बदल कानून और शक्तियों का दुरुपयोग करके कुछ विधायकों को अयोग्य घोषित करने की कोशिश कर रही है। इसी लेटर में राज्यपाल से फ्लोर टेस्ट की माँग की गई थी।