दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायोग (British High Commission) और ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस (Alex Ellis) के आवास पर सुरक्षा घेरे में कमी की गई है। दोनों जगहों पर बाहरी गेट पर लगे बैरिकेड्स हटा लिए गए हैं। यह कदम बुधवार को उठाया गया। ब्रिटिश उच्चायोग के प्रवक्ता ने इसे सुरक्षा से जुड़ा मसला बताते हुए टिप्पणी से इनकार किया है। सुरक्षा घेरे में कमी लंदन में भारतीय उच्चायोग पर खालिस्तान समर्थकों के उत्पात के बाद हुई है।
#WATCH | Delhi: Barricades removed from outside the residence of British High Commissioner Alex Ellis. pic.twitter.com/OMSuRfsiu4
— ANI (@ANI) March 22, 2023
मिली जानकारी के मुताबिक चाणक्यपुरी में ब्रिटेन उच्चायोग के बाहर 12 बैरिकेड लगाए गए थे। रेत के बोरों से सुरक्षा चौकी बनाई गई थी। पीसीआर वैन तैनात थे। इन सबको अब हटा लिया गया है। इसी तरह राजाजी मार्ग स्थित ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस के अवास के बाहर लगे बैरिकेड्स को भी हटा लिया गया है। ये बैरिकेड्स सुरक्षा का पहला घेरा माने जाते हैं।
Indian authorities remove barricades from in-front of the British High Commissioner’s residence. Development comes as Indian High commission in London was vandalised by Khalistani extremists. @WIONews pic.twitter.com/1k3f1i0gsr
— Sidhant Sibal (@sidhant) March 22, 2023
रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर सुरक्षा की खास व्यवस्था नहीं है। यही कारण है कि 19 मार्च को खालिस्तान समर्थकों ने यहाँ हमला कर दिया था। तिरंगे को हटाकर खालिस्तानी झंडा लगाने की कोशिश की थी। घटना के बाद विदेश मंत्रालय ने भारतीय उच्चायोग के बाहर सुरक्षा की कमी के मुद्दे पर ब्रिटिश अधिकारियों से जवाब भी माँगा था।
विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक लंदन में भारतीय उच्चायोग पर खालिस्तानियों के उत्पात मचाए जाने को लेकर नई दिल्ली में यूके के राजनयिक को तलब किया गया था। इस दौरान लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर सुरक्षा न होने और उपद्रवियों के आसानी से उच्चायोग में दाखिल होने को लेकर सवाल पूछा गया था।
लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हुए हमले का मास्टरमाइंड अवतार सिंह खंडा को बताया जा रहा है। उसे लंदन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अवतार सिंह की गिरफ्तारी के बाद कई बड़े राज खुलकर सामने आए हैं। पता चला है कि खालिस्तान समर्थक भगोड़े अमृतपाल सिंह को उसने ही ट्रेनिंग देकर भारत भेजा था।