ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग पर हमले और तिरंगे के अपमान पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन की सरकार भारतीय दूतावास को सुरक्षा देने में विफल रही है। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत सुरक्षा के अलग-अलग मानकों को स्वीकार नहीं कर सकता। एस जयशंकर शुक्रवार (24 मार्च 2023) को बेंगलुरु में भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
बीजेपी एमपी तेजस्वी सूर्या द्वारा आयोजित BJYM के कार्यक्रम में सवालों का जवाब देते हुए एस जयशंकर ने कहा कि दूतावास या उच्चायोग के परिसर की सुरक्षा और सम्मान का ध्यान रखना उस देश का कर्तव्य है, जहाँ वह स्थित है। उस देश का उत्तरदायित्व है कि वह एक राजनयिक (Diplomats) को काम करने के लिए सुरक्षा प्रदान करे। ब्रिटेन में इन दायित्वों को पूरा नहीं किया गया। इसे लेकर हमारी ब्रिटिश सरकार से बातचीत हुई है।
#WATCH दूतावास या उच्चायोग के परिसर का सम्मान सुनिश्चित करने के लिए राजनयिक को सुरक्षा देना प्राप्तकर्ता देश का दायित्व है। इन दायित्वों को पूरा नहीं किया गया। इस पर हमारी ब्रिटिश सरकार से बातचीत हुई है: ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग में तोड़फोड़ पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर pic.twitter.com/X3OtlD4R22
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 24, 2023
विदेश मंत्री ने कहा कि जिस दिन उपद्रवी हाई कमीशन के आगे जमा हुए, उस दिन उच्चायोग की सुरक्षा में कमी रह गई थी। एस जयशंकर ने आगे कहा कि कई देश इसे लेकर लापरवाह हैं। अपनी सुरक्षा को लेकर वे अलग सोचते हैं जबकि दूसरों की सुरक्षा पर उनकी अलग राय है। उन्होंने कहा, “एक विदेश मंत्री के तौर पर मैं आपको बता दूँ कि हम इस तरह के अलग-अलग मानकों को स्वीकार नहीं करने वाले हैं।”
लंदन में क्या हुआ था?
दरअसल, खालिस्तान समर्थक भगोड़े अमृतपाल के खिलाफ भारत में कार्रवाई हो रही है। इस कार्रवाई के विरोध में खालिस्तान समर्थकों ने ब्रिटेन की राजधानी लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन के दौरान खालिस्तानियों ने उच्चायोग में लगे भारतीय तिरंगे को हटा कर खालिस्तानी झंडा लगाने की कोशिश की थी। इस दौरान खालिस्तानियों ने उच्चायोग में तोड़फोड़ भी की थी।
इस घटना के बाद भारत ने अंग्रेजी राजदूत को तलब करते हुए सख्ती दिखाई थी। इसके बाद राजदूत समेत ब्रिटेन के विदेश मंत्री और लंदन के मेयर ने घटना की निंदा की थी। भारत स्थित ब्रिटिश उच्चायोग और उच्चायुक्त आवास के बाहरी सुरक्षा घेरे में भी कटौती की खबरें आई थीं। जिसके बाद ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग के बाहर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी और बैरिकेडिंग भी लगाए गए थे।