राष्ट्रगान का अपमान करने के मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। न्यायमूर्ति अमित बोरकर की पीठ ने जनवरी 2023 के सत्र अदालत (Session court) के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। सत्र अदालत ने राष्ट्रगान का अपमान करने के मामले में कार्रवाई करने की माँग वाली अर्जी को पुनर्विचार के लिए मजिस्ट्रेट अदालत में भेज दिया था। जबकि ममता बनर्जी चाहती थीं कि इस अर्जी को रद्द कर देना चाहिए।
दरअसल, मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट में सीएम ममता पर भाजपा नेता विवेकानंद गुप्ता ने राष्ट्रगान का अपमान करने के आरोप में शिकायत दर्ज कराई थी। मामला दिसंबर 2021 का था। इस शिकायत पर कोर्ट ने मार्च 2022 में ममता बनर्जी को समन जारी किया था। ममता बनर्जी ने इस समन को सेशन कोर्ट में चुनौती दी। कोर्ट ने मामले को मजिस्ट्रेट के पास भेज दिया था और शिकायत पर नए सिरे से विचार करने को कहा था।
Bombay HC dismissed Mamata Banerjee’s application, to quash the complaint for allegedly insulting the national anthem during her visit to Mumbai last year for procedural lapses.
— ANI (@ANI) March 29, 2023
WB CM has sought to quash the complaint filed against her by BJP leader Vivekanand Gupta. pic.twitter.com/A4hyDdM9H9
इसी मामले को लेकर ममता बनर्जी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस अर्जी में ममता बनर्जी ने कहा कि सत्र अदालत को समन हमेशा के लिए रद्द कर देना चाहिए था न कि मामले को दोबारा विचार करने के लिए मजिस्ट्रेट के पास भेजना चाहिए था। जस्टिस बोरकर ने कहा कि हाईकोर्ट को इस मामले में दखल देने की जरूरत नहीं है।
सीएम ममता बनर्जी पर क्या है आरोप ?
भाजपा नेता की शिकायत के अनुसार दिसंबर 2021 में ममता बनर्जी कार्यक्रम के सिलसिले में मुंबई के यशवंतराव चव्हाण ऑडिटॉरियम पहुँची थीं। कार्यक्रम में राष्ट्रगान बजने के बाद तक वे बैठी रहीं। इसके बाद अचानक से उठीं। राष्ट्रगान की 2 पक्तियाँ गाने के बाद राष्ट्रगान के बीच हीं वे कार्यक्रम स्थल से चली गईं। बीजेपी नेता विवेकानंद गुप्ता ने मार्च 2022 में इसकी शिकायत की थी। जिसके बाद बंगाल की सीएम को समन जारी किया गया।