उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के 2 लोगों की पिटाई का मामला सामने आया है। पिटाई का आरोप गाँव के ही अरबाज़, उमर, सलमान, अजहरुद्दीन और राजा आदि पर लगा है। आरोप है कि आरोपितों ने पीड़ितों को न सिर्फ जातिसूचक गालियाँ दीं बल्कि हमले के लिए फरसे और तमंचे का भी प्रयोग किया। पुलिस ने आरोपितों की गिरफ्तारी कर के जाँच जारी होने की जानकारी दी है। घटना शुक्रवार (31 मार्च 2023) की है।
यह मामला अलीगढ़ के कोतवाली क्षेत्र मडराक का है। यहाँ जाटव समाज के पीड़ित अरुण कुमार ने 31 मार्च 2023 को थाने में शिकायत दी है। शिकायत में उन्होंने बताया है कि घटना के दिन उनके गाँव घासीपुर में उनके चाचा के मकान पर निर्माण कार्य कर रहा था। उसी समय अरबाज, राजा, उमर, सलमान और अजरुद्दीन आदि ने मिल कर पीड़ितों को गाली-गलौज की। इस दौरान पीड़ितों को जाति सूचक शब्द बोले गए। आरोप है कि हमलावरों ने पीड़ितों की जाति को अभद्र तरीके से बोलते हुए उन्हें सबक सिखाने के लिए ललकारा।
शिकायत में आगे बताया गया है कि जब पीड़ितों को बचाने कुछ अन्यलोग आए तो अरबाज ने उन सभी पर फरसे से हमला कर दिया। इसी समय उमर ने तमंचे से हमला करने की भी कोशिश की। संयोजगवश यह फायर नहीं हुआ। पीड़ित ने पुलिस से आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई की मॉंग की। इस शिकायत पर पुलिस ने अरबाज़, राजा, उमर, सलमान, अजहरुद्दीन और हसरूद्दीन के छोटे भाई पर FIR दर्ज कर ली है। इन सभी पर IPC की धारा 147, 323, 504 और SC/ST के तहत कार्रवाई की गई है। पुलिस ने बताया है कि आरोपितों की गिरफ्तारी के साथ मामले की जाँच की जा रही है। ऑपइंडिया के पास शिकायत कॉपी मौजूद है।
प्रकरण कल का है,जिसमें तत्काल मौके पर पहुँचकर मामले को शान्त कराया गया, अभियोग पंजीकृत कर गिरफ्तारी सुनिश्चित की गयी, मौके पर पूर्ण शांति है ।
— ALIGARH POLICE (@aligarhpolice) April 1, 2023
ऑपइंडिया से बात करते हुए पीड़ित परिवार के अनिकेत ने बताया कि जब वो अपने भाई के साथ क्रिकेट खेल रहे थे तब वहाँ कुछ मुस्लिम लोग आए और अपने साथ क्रिकेट खेलने के लिए कहने लगे। इंकार करने पर आरोपितों ने पहले जातिसूचक शब्दों के साथ गालियाँ दी फिर कुछ अन्य साथियों को बुला कर मारपीट की गई। पीड़ित ने बताया कि उन्हें पुलिस प्रशासन का पूरा सहयोग मिला और आरोपितों पर कार्रवाई हो रही है।
हमसे बात करते हुए पीड़ित अनिकेत ने यह भी बताया कि उनके गाँव घासीपुर में सवर्ण और अनुसूचित जाति के लोगों के बीच किसी भी तरफ का भेदभाव नहीं होता है। अनिकेत के मुताबिक एक ही मंदिर में हिन्दू समाज के सभी अंग पूजा करते हैं और एक दूसरे के सुख-दुःख में साथ रहते हैं। अनिकेत का दावा है कि इस से पहले भी उनके गाँव के एक मंदिर में मुस्लिम व्यक्ति ने पेशाब कर दिया था जिसे मानसिक रोगी बता कर बचाने का प्रयास किया गया था।