दुनिया भर के देशों में भारतीय खिलौने अपनी मौजूदगी दर्ज कराने वाले हैं। यूरोप और अमेरिका के वैश्विक खिलौना विक्रेताओं ने भारतीय खिलौना निर्माताओं से संपर्क किया है। रिपोर्टों के अनुसार बताया जा रहा है कि विक्रेता कंपनियों ने अनुपालन आवश्यकताओं (Compliance requirements) को पूरा करने के लिए भारतीय खिलौना निर्माताओं की मदद का भी भरोसा दिया है। सरकारी अधिकारी की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार वैश्विक खिलौना मार्केट के दिग्गज विक्रेता भारत से बड़े पैमाने पर खिलौनों की खरीददारी करना चाहते हैं।
‘प्लेग्रो टॉयज इंडिया’ के प्रमोटर और ‘टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ के चेयरमैन मनु गुप्ता ने जानकारी दी कि अमेरिका के एक खिलौना रिटेलर ने भारतीय खिलौना उद्योग जगत से संपर्क किया है। अमेरिकी कारोबारी राइड-ऑन, ऑउटडोर, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल खिलौनों में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। यदि यह डील फाइनल होती है तो भारतीय कारोबारियों को 400 मिलियन (3279.31 करोड़ रुपए) अमरीकी डॉलर का ऑर्डर मिल सकता है। वहीं इटली की एक फर्म ने भी भारत से सोर्सिंग के लिए खिलौना निर्माताओं से संपर्क किया है।
बता दें कि भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) द्वारा भारत में खिलौना निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। DPIIT के अधिकारी भारतीय खिलौना उद्योग जगत को वैश्विक कंपनियों से जुड़ने और ऑर्डर हासिल करने में मदद कर रहे हैं। अमेरिकी और यूरोपीय कंपनियाँ उन मैन्यूफैक्चरर्स से सामान खरीदती हैं जो उनके उत्पाद और सामाजिक अनुपालन को पूरा करती हैं।
मनु गुप्ता ने के अनुसार भारतीय खिलौने माँग के मुताबिक मानकों को पूरा कर सकें इसके लिए विदेशी फर्म भारतीय खिलौना निर्माताओं के मौजूदा कार्यबल, अपस्किलिंग और रीस्किलिंग करने के लिए तैयार हैं। ताकि हम जल्द से जल्द वैश्विक कंपनियों के मानकों को पूरा कर सकें। दूसरी तरफ भारत अब खिलौनों का आयात कम कर रहा है। 2021-22 में भारत में खिलौनों का कुल आयात 70 प्रतिशत घटकर 870 करोड़ रुपए रह गया था।