प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन के अपने समकक्ष ऋषि सुनक से टेलीफोन पर बात की है। गुरुवार (13 अप्रैल 2023) को यह बातचीत हुई। इस दौरान विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़े कारोबारियों के प्रत्यर्पण से लेकर खालिस्तानियों की हालिया हिंसा तक पर चर्चा हुई। पीएम मोदी ने भगोड़े कारोबारियों के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा। साथ ही कहा कि भारत विरोधी तत्वों पर ब्रिटेन को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। इस दौरान सुनक ने भारतीय दूतावासों की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त किया।
रिपोर्टों के मुताबिक दोनों देशों के प्रधानमंत्री के बीच कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई। दोनों देशों के बीच व्यापार और अन्य आर्थिक मुद्दों पर हुए करार के प्रगति की समीक्षा की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूके सरकार से भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और भारतीय डिप्लोमेटिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने को कहा। बता दें कि इसी पहले 12 अप्रैल 2023 को दोनों देशों के बीच गृह मंत्रालय स्तर पर बातचीत हुई थी। उस दौरान भी खालिस्तान समर्थकों और भारत विरोधी तत्वों पर नकेल कसने को लेकर चर्चा हुई थी।
UK PM Rishi Sunak conveyed that the UK considers the attack on Indian High Commission totally unacceptable and assured of security of the Indian Mission and its personnel.
— ANI (@ANI) April 13, 2023
विदेश मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक ब्रिटिश पीएम सुनक ने कहा है कि भारतीय उच्चायोग पर हमला किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने इंडियन हाई कमीशन और भारतीय अधिकारियों की सुरक्षा का आश्वासन भी दिया। सुनक ने हमले के बाद भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी।
टेलीफोन पर बातचीत करते हुए पीएम मोदी ने ऋषि सुनक से ब्रिटेन में छिपे भगोड़े भारतीय कारोबारियों के वापसी के लिए वापसी की प्रक्रिया में तेजी लाने को भी कहा। उम्मीद जताई कि ब्रिटिश सरकार नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे डिफॉल्टर कारोबारियों को भारत को सौंपने में मदद करेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने इंग्लैंड के पीएम को जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित भी किया। G20 शिखर सम्मेलन सितंबर 2023 में आयोजित होना है। पीएम सुनक ने भारत की अध्यक्षता में जी20 में हुई प्रगति और भारत की तरफ से उठाए गए कदमों की सराहना की। उन्होंने भारत को अपने समर्थन की प्रतिबद्धता को दोहराया। बता दें भारत 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक G20 की अध्यक्षता कर रहा है।
जी-20 का गठन वर्ष 1999 में हुआ था। इसको ग्रुप ऑफ ट्वेंटी भी कहा जाता है। शुरुआत में यह वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों का संगठन हुआ करता था। 2008 में आई वैश्विक मंदी के बाद इसे शीर्ष नेताओं के संगठन में बदल दिया गया। जी-20 शिखर सम्मेलन हर साल आयोजित होता है और सम्मेलन में शामिल नेता वैश्विक अर्थव्यवस्था को बढ़ाने पर चर्चा करते हैं।