देश की राजधानी दिल्ली के एक स्कूल में बच्चों के हाथों से कलावा काटने की खबर सामने आई है। आरोप यह भी है कि स्कूल में न सिर्फ भगवान राम के पोस्टर फाड़े गए बल्कि उनकी जय बोलने वाले छात्रों को सस्पेंड कर के परीक्षा देने से भी रोक दिया गया। इस मामले में हिन्दू संगठनों ने स्कूल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया है। हालात काबू में रखने के लिए पुलिस को मौके पर पहुँचना पड़ा। हंगामे के बाद छात्रों का निलंबन वापस ले लिया गया है।
छात्रों का कलावा 16 मई, 2023 को काटा गया और बाद में पोस्टर 19 मई को फाड़े गए। इसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शनिवार (20 मई, 2023) को हुआ है।
यह मामला मयूर विहार के फेज 3 स्थित वनस्थली पब्लिक स्कूल का है। यहाँ के कई हिन्दू बच्चों ने सामूहिक रूप से एकजुट हो कर स्कूल के अध्यापक अनूप रावत पर अपने हाथ में बँधा कलावा काटने का आरोप लगाया है। कटे कलाओं को डस्टबिन में डाल दिया गया। छात्रों का आरोप है कि एक अन्य टीचर रवि ने क्लास में लगा भगवान राम का पोस्टर भी फाड़ दिया और बाद में ‘जय श्री राम’ बोलने वाले छात्रों को सस्पेंड भी करवा दिया।
सस्पेंड किए गए छात्रों की संख्या 9 बताई जा रही है। छात्रों की इस सामूहिक शिकायत का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
क्लास में भगवान राम का पोस्टर फाड़ा, कलावें कटवाए, जय श्री राम बोलने पर विद्यार्थियों को एग्जाम नही देने दिया और ससपेंड कर दिया…
— हमारे मंदिर (@ourtemples_) May 20, 2023
ये है दिल्ली के मयूर विहार फेज-3 का वनस्थली पब्लिक स्कूल…#JaiShriRam pic.twitter.com/SRsdfujxw6
एक छात्र का आरोप है कि ‘जय श्री राम’ बोलने वाले छात्रों को पहले बुलवा कर स्कूल के 10 चक्कर कटवाए गए, फिर उन्हें अगले दिन सस्पेंड किया गया। एक छात्र ने खुद को भगवान राम का भक्त बताया। इस घटना से संबंधित कुछ चैट भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। वायरल चैटिंग छात्रों की आपस में बातचीत बताई जा रही है, जिसमें वो स्कूल में हुए इस घटनाक्रम के बारे में चर्चा कर रहे हैं। छात्रों को स्कूल के चक्कर लगवाने वाली टीचर का नाम रितु बताया जा रहा है।
इस घटना की जानकारी होते ही हिन्दू संगठनों और छात्रों के अभिभावकों ने स्कूल के गेट पर हंगामा शुरू कर दिया। सभी लोग आरोपित टीचरों पर कार्रवाई और छात्रों का निलंबन वापस लेने की माँग कर रहे थे। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस टीम पहुँची। पुलिस ने हिन्दू संगठनों सहित अभिभावकों को समझाने के प्रयास किए। इस दौरान दोनों पक्षों में नोकझोंक भी हुई। वनस्थली स्कूल साल 2002 में स्थापित हुआ है। इसके मैनेजिंग डायरेक्टर रोहित जैन और प्रिंसिपल अनुराधा जैन हैं।
3 टीचर मौखिक रूप से सस्पेंड
ऑपइंडिया ने इस मामले में एक पीड़ित छात्र से बात की। छात्र ने बताया कि उनका कलावा 16 मई को खेल टीचर रवि द्वारा काटा गया और 19 मई को एक अन्य खेल टीचर अनूप ने क्लास में घुस कर भगवान राम का पोस्टर फाड़ा। इसके बाद तीसरी खेल टीचर रितु ने ‘जय श्री राम’ बोलने वाले छात्रों को प्रताड़ित किया और कॉलेज के चक्कर लगवाए। छात्र ने आगे बताया कि स्कूल की प्रिंसिपल ने मौखिक तौर पर इन तीनों टीचरों को सस्पेंड कर दिया है जिसका कोई लिखित आदेश नहीं है। छात्र का ये भी दावा है कि निलंबित छात्रों को बहाल कर दिया गया है।
स्कूल के अंदर से वायरल हो रहे एक वीडियो में निगम पार्षद मुनेश ने भी किसी टीचर को स्कूल से निकाले जाने की बात कही है। जब ऑपइंडिया ने इस निलंबन आदि की पुष्टि के लिए स्कूल के नम्बरों पर फोन किया तो किसी ने कॉल नहीं उठाई। स्कूल का आधिकारिक मोबाइल नंबर भी सेवा से बाहर बताया। स्कूल का वर्जन आने पर उसे खबर में अपडेट किया जाएगा।
ईसाई हैं रितु मैडम
राम के नाम पर स्कूल के 5 छात्रों को प्रताड़ित करने और उनके कलावे काटने वाले टीचरों रितु, रवि और अनूप में से रितु को पीड़ित छात्र ने ईसाई बताया। छात्र का दावा है कि क्लास में लगा पोस्टर पेंटिंग प्रतियोगिता में किसी ने बनाया था। बताया यह भी गया कि बाकी अन्य पोस्टरों और चित्रों को छोड़ दिया गया और राम के चित्र की अनुमति न होने की बात कह कर टीचर अनूप द्वारा उसे फाड़ कर डस्टबिन में डाल दिया गया।
पीड़ित छात्र के मुताबिक कलावे क्लास 10 में पढ़ने वाले बच्चों के कलावा काटे गए और भगवान राम का पोस्टर कक्षा 9 में फाड़ा गया था। हमें आरोपित टीचरों को पहले भी कुछ छात्रों से ऐसी हरकतें करने का आदी बताया गया। साथ ही छात्र ने दावा किया कि रितु, रवि और अनूप मिल कर उन्हें टीका लगाने से भी मना किया करते थे।
‘बजरंग दल’ वालों ने दी है शिकायत
स्कूल के 3 खेल टीचरों द्वारा खुद से किए गए व्यवहार से दुखी छात्र ने ऑपइंडिया को बताया कि इस मामले में ‘बजरंग दल’ ने पुलिस में शिकायत दी है। हालाँकि, शिकायत की जाँच में क्या निकला ये छात्र को मालूम नहीं था। छात्र का आरोप है कि स्कूल के स्टाफ पुलिस, मीडिया और हिन्दू संगठनों को देख कर अपनी बातचीत का रंग-ढंग बदल लेते हैं जबकि छात्रों से वो किसी और ही रूप में पेश आते हैं। स्कूल की प्रिंसिपल ने बयान दिया है कि उन्हें घटना के बारे में जानकारी नहीं थी।
उनके बयान को भी छात्र ने संदेहास्पद बताया और कहा कि बिना उनकी जानकारी के बच्चों को सस्पेंड कैसे कर दिया गया था। ऑपइंडिया ने पुलिस कार्रवाई की जानकारी लेने के लिए DCP ईस्ट को कॉल किया तो उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया। पुलिस का वर्जन आने पर उसे खबर में अपडेट किया जाएगा।
प्रिंसिपल ने छात्रों को दोबारा बाँधे कलावे
पीड़ित छात्र के मुताबिक हंगामा होने के बाद मामले को दबाने के लिए स्कूल की प्रिंसिपल ने छात्रों को दोबारा कलावे बाँधे हैं और फिर ऐसा न होने का भरोसा दिया था। छात्र का ये भी कहना है कि माहौल गर्म देख कर स्कूल मैनेजमेंट ने फ़िलहाल के लिए स्कूल में ऑनलाइन क्लास शुरू कर दी है।