ओडिशा के बालासोर में हुए भयानक ट्रेन हादसे की तस्वीरें दिल दहलाने वाली हैं। इस हादसे में अब तक 280 लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन यदि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यकर्ता यदि समय पर नहीं पहुँचते तो मौत का यह आँकड़ा कहीं अधिक हो सकता था। बताया जा रहा है कि NDRF की टीम के पहुँचने से पहले ही RSS कार्यकर्ता मौके पर पहुँचकर राहत और बचाव कार्य में जुट गए थे।
एनबीटी की रिपोर्ट के अनुसार, बालासोर में हुए ट्रेन हादसे का शिकार लोगों की मदद के लिए आरएसएस के कार्यकर्ता तन, मन, धन से जुटे हुए हैं। इस हादसे की जानकारी मिलते ही करीब 250 कार्यकर्ता मौके पर पहुँच गए थे। वहाँ मची चीख-पुकार के बीच आरएसएस कार्यकर्ताओं ने घायलों को इलाज के लिए तुरंत ही हॉस्पिटल ले जाना शुरू कर दिया था। आरएसएस कार्यकर्ताओं के राहत और बचाव कार्य शुरू होने के बाद NDRF की टीम भी हादसे वाली जगह पहुँच गई। इसके बाद संघ कार्यकर्ता उनके साथ मिलकर लोगों को बचाने में जुट गए।
The RSS and ABVP volunteers stepped into the relief and rescue operation at the Balasore Train accident site. Volunteers are also donating blood for those in need.
— Friends of RSS (@friendsofrss) June 3, 2023
We express our deepest condolences to the families of the deceased and pray for the speedy recovery of the… pic.twitter.com/Sdky4T4IUJ
एक ओर जहाँ आरएसएस के कुछ कार्यकर्ता ट्रेन मेंदबे हुए लोगों व घायलों की मदद कर रहे थे। वहीं, कुछ अन्य कार्यकर्ता घायलों को खून देने के लिए हॉस्पिटल पहुँच गए। रक्त दान करने आए युवाओं की भीड़ देखकर हॉस्पिटल के डॉक्टर भी हैरान हो गए थे। दरअसल, बालासोर के RSS के व्हाट्सएप ग्रुप में हादसे की जानकारी के साथ ही रक्तदान करने की अपील की गई थी। इसके बाद कार्यकर्ता हॉस्पिटल पहुँच गए।
RSS volunteers are aiding relief efforts at the Balasore. Within just 40 minutes of the accident, hundreds of swayamsevaks reached the location and initiated the relief operation.
— Friends of RSS (@friendsofrss) June 3, 2023
250+ volunteers providing food, water, assistance to affected families. 400 blood units donated by… pic.twitter.com/8eecdZTXly
ओडिशा के आरएसएस के प्रांत प्रचार प्रमुख रविनारायन पंडा ने कहा है कि हादसा बालासोर के महानगा गाँव के पास हुआ। महानगा में RSS के कई कार्यकर्ता रहते हैं। इसके अलावा जिले में भी संघ कार्यकर्ता सक्रिय हैं। हादसे 6:50 पर हुआ था। इसके बाद व्हाट्सएप मैसेज से जानकारी मिलने के बाद संघ कार्यकर्ता 7 बजे तक हादसे वाली जगह पहुँच गए थे। इसके बाद उन लोगों ने ट्रेन के दरवाजे खोलकर घायलों को बाहर निकालना शुरू किया। साथ ही स्थानीय लोगों की सहायता से ट्रैक्टर, बाइक और कार के माध्यम से घायलों को हॉस्पिटल पहुँचाया।
आरएसएस के स्थानीय कार्यकर्ता हरेंद्र का कहना है कि एक हजार से अधिक आरएसएस कार्यकर्ता लोगों की मदद करने के लिए आगे आए हैं। जिन लोगों ने रात में रक्त दान किया था वे सुबह से घायलों और उनके परिजनों के भोजन पानी की व्यवस्था कर रहे थे। इसके अलावा, घायलों को उनके परिजनों से मिलवाने में RSS कार्यकर्ता सहयोग कर रहे हैं।