Sunday, November 17, 2024
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पहलवानों को हेट स्पीच में दिल्ली पुलिस ने दी क्लीनचिट, इंटरनेशनल रेफरी का दावा- थाइलैंड में बृजभूषण से महिला रेसलर को असहज होते देखा था

जिस नाबालिग लड़की के साथ यौन शोषण का आरोप लगाकर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ POCSO में शिकायत दर्ज करवाई गई, उस नाबालिग के पिता ने आरोप को झूठा बताया। नाबालिग पहलवान के पिता ने कहा था, “यौन उत्पीड़न की कोई घटना नहीं हुई, लेकिन मेरी बेटी के साथ भेदभाव किया गया।"

भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों द्वारा यौन शोषण का लगाया गया आरोप राजनीति में उलझता जा रहा है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात के बाद दिल्ली पुलिस ने आपत्तिजनक बयानों के मामले में पहलवानों को क्लीन चिट दे दी है। वहीं, आरोप लगाने वाली कथित नाबालिग लड़की के पिता द्वारा झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने की बात स्वीकार करने के बाद अब एक अंतर्राष्ट्रीय रेफरी सामने आए हैं। रेफरी का कहा है कि भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह ने उनके सामने लड़कियों का यौन शोषण किया था।

दिल्ली पुलिस ने पहलवानों पर दर्ज केस के मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट फाइल करते हुए उन्हें क्लीनचिट दी है। दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया गया कि पहलवानों ने धरने के दौरान जंतर मंतर पर कोई भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं किया था। अदालत इस मामले पर 7 जुलाई 2023 को सुनवाई करेगी।

आपत्तिजनक बयान को लेकर पहलवानों को क्लीनचिट

दरअसल, बमबम महाराज नाम के व्यक्ति ने पाटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर पहलवानों के खिलाफ FIR दर्ज करने की माँग की थी। याचिका में कहा गया था कि धरने पर बैठे पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया देश को बदनाम कर रहे हैं। इसके बाद अदालत ने पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट माँगी थी।

दिल्ली पुलिस ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करते हुए पहलवानों को क्लीन चिट दे दी है और उनके खिलाफ की गई शिकायत को बंद करने का आग्रह किया है। पुलिस ने अदालत में बताया कि जंतर मंतर पर प्रदर्शन के दौरान जो भी भाषण और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया था, वो अज्ञानी सिख प्रदर्शनकारियों ने किया था। पहलवानों ने ऐसा नहीं किया था।

पहलवानों पर दर्ज हैं दंगा भड़काने का केस

बता दें कि जिस दिन नए संसद भवन का उद्घाटन था, उस दिन यानी 28 मई 2023 को खाप पंचायतों और किसान संगठनों से जुड़े लोगों ने संसद भवन की तरफ मार्च किया था। इनमें विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया भी थे। इस मामले में भी पुलिस ने पहलवानों के खिलाफ FIR दर्ज की है।

पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकारियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की थी। इस दौरान पहलवानों, उनके समर्थकों व पुलिस के बीच झड़प हो गई थी। इस झड़प में कई पुलिसकर्मियों के घायल होने की रिपोर्ट भी आई थी। बाद पुलिस ने पहलवानों व उनके समर्थकों समेत कई लोगों को हिरासत में लिया था। हालाँकि, शाम तक पुलिस ने इन लोगों को रिहा कर दिया था।

बाद में दिल्ली पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज की थी। दिल्ली पुलिस ने कहा था, “पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगट और प्रदर्शन के आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। कुछ पहलवान विरोध करने के लिए रात में जंतर-मंतर आए थे। उन्हें अनुमति नहीं दी गई और वापस भेज दिया गया।”

इस मामले में दिल्ली पुलिस ने पहलवानों, प्रदर्शन के आयोजकों व अन्य लोगों के खिलाफ IPC की धारा धारा 147 (दंगा करना), धारा 149 (गैरकानूनी जमावड़ा), 186 (सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालना), 188 (सरकारी कर्मचारी के विधिवत आदेश की अवहेलना), 332 (सरकारी कर्मचारी के साथ हिंसा करना) और 353 (सरकारी कर्मचारी को ड्यूटी से रोकने के लिए आपराधिक बल) तथा सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा 3 के तहत FIR दर्ज की है।

मोदी तेरी कब्र खुदेगी… जैसे नारे धरनास्थल पर लगे थे

दरअसल, धरने के दौरान जंतर मंतर पर कई लोगों ने देश विरोधी नारे लगाए थे। इतना ही नहीं, ‘मोदी तेरी कब्र खुदेगी’, ‘हमें चाहिए आजादी’ जैसे घोर आपत्तिजनक नारे लगाए गए थे। यहाँ तक कि पहलवानों से मिलने गई उड़न परी कहलाने वाली IOC की अध्यक्ष पीटी उषा के साथ भी मारपीट और बदतमीजी करने की बात सामने आई थी।

इस घटना से पहले पीटी ऊषा ने कहा था कि देश के पहलवान सड़कों पर बैठकर देश को बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने पहलवानों की इस हरकत को अनुशासनहीनता बताया था। पीटी उषा ने कहा था कि अगर पहलवानों को कोई दिक्कत है तो उन्हें IOC के पास आना चाहिए। उनके बयान पर विनेश फोगाट और अन्य पहलवानों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। इसके बाद उनके साथ बदतमीजी की घटना हुई थी।

अंतरराष्ट्रीय रेफरी ने कहा- मेरे सामने बृजभूषण सिंह ने किया शोषण

बृजभूषण शरण सिंह पर आरोप-प्रत्यारोप के बीच एक जगबीर सिंह नाम के एक अंतर्राष्ट्रीय रेफरी सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद द्वारा किए गए यौन शोषण के वे गवाह है और साल 2013 में थाइलैंड में एक घटना उनके सामने हुई थी। इस मामले में दिल्ली पुलिस एक पहलवान को लेकर बृजभूषण सिंह के घर क्राइम सीन रिक्रिएट करने के लिए पहुँची है।

जगबीर सिंह ने आजतक से बात करते हुए कहा कि डिनर के समय बृजभूषण सिंह महिला पहलवानों के बगल में खड़े थे। इससे महिला पहलवान असहज महसूस कर रही थीं। एक पहलवान ने बृजभूषण सिंह से खुद को छुड़ाया और वहाँ से चली गई थी। जगबीर ने कहा कि उन्होंने देखा था कि महिला पहलवान बृजभूषण शरण सिंह से असहज महसूस कर रही हैं।

नाबालिग के पिता बता चुके हैं झूठी रिपोर्ट कराने की बात

जिस नाबालिग लड़की के साथ यौन शोषण का आरोप लगाकर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ POCSO में शिकायत दर्ज करवाई गई, उस नाबालिग के पिता ने आरोप को झूठा बताया।भास्कर के अनुसार, नाबालिग पहलवान के पिता ने कहा, “मेरी बेटी के साथ भेदभाव के कारण हमारे अंदर गुस्सा था। फेडरेशन ने हमारी अपील नहीं सुनी। हमने पुलिस को जो शिकायत दी थी, उसमें कुछ सच और कुछ गलत था। कोर्ट में जाकर मैंने स्पष्ट कर दिया है।”

हिंदुस्तान ने नाबालिग लड़की के पिता के हवाले से कहा है, “यौन उत्पीड़न की कोई घटना नहीं हुई, लेकिन मेरी बेटी के साथ भेदभाव किया गया। मैंने 5 जून को सुप्रीम कोर्ट में स्पष्ट कर दिया था कि महासंघ के अध्यक्ष (बृजभूषण शरण सिंह) ने किसी तरह का उत्पीड़न नहीं किया। लेकिन मैं भेदभाव की शिकायत से पीछे नहीं हट रहा।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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