उत्तराखंड के पुरोला में हुई ‘लव जिहाद’ की घटना के विरोध में गंगोत्री में भी व्यापारियों ने शनिवार (11 मई, 2023) को अपनी दुकानें बंद रखीं। यहाँ के भी व्यापारियों का आरोप है कि क्षेत्र में बाहरी लोगों की घुसपैठ से उनके कारोबार पर बुरा असर पड़ रहा है। विरोध कर रहे लोगों ने प्रशासन से इस मामले में तत्काल कार्रवाई की माँग की है। उधर अब तक 11 दुकानदारों के पुरोला और आस-पास के इलाकों से चले जाने की खबर है।
इसमें से कुछ व्यापारी बरकोट और नौगाँव इलाके के भी हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक, स्थानीय निवासियों की माँग पर पुलिस ने भी बाहरी लोगों का वेरिफिकेशन शुरू कर दिया है।
पुरोला के विश्व हिन्दू परिषद अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह रावत ने ऑपइंडिया से बात करते हुए कुछ मुस्लिम दुकानदारों के बाजार छोड़ने की बात स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि बाजार छोड़ने वालों ने यह कदम सत्यापन की प्रक्रियाओं के बाद उठाया है। रावत ने आगे बताया कि व्यापारियों और खास तौर पर बेटियों के चिंतित परिवारों की माँग पर पुलिस बाहरी लोगों का सत्यापन करवा रही है। हमें बताया गया कि उत्तरकाशी इलाके में ‘लव जिहाद’ की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है।
उदहारण के तौर पर हाल में घटी आराकोट की घटना का जिक्र किया गया जहाँ एक मुस्लिम व्यक्ति पर 2 हिन्दू महिलाओं से ‘लव जिहाद’ का आरोप लगा था।
VHP नेता रावत ने आगे बताया कि उत्तरकाशी में पहले भी ‘लव जिहाद’ की घटनाएँ हुईं हैं लेकिन पुलिस हर मामले में कार्रवाई करने में असफल रही है। उन्होंने बताया कि जिस मामले में पुरोलावासी विरोध कर रहे हैं उसमें भी पुलिस आरोपितों पर कार्रवाई से ज्यादा मुस्लिमों की सुरक्षा पर ध्यान दे रही है। रावत ने ऐसे माहौल में हिन्दू बेटियों की चिता जलाई। मिल रही जानकारी के अनुसार, स्थानीय प्रशासन ने माहौल सामान्य करने के लिए दोनों समुदायों के बीच बातचीत करवाई है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने भी किसी को कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ न करने की चेतावनी दी है।
बताते चलें कि 31 मई 2023 को उत्तरकाशी के पुरोला क्षेत्र में एक हिंदू नाबालिग लड़की का उवैद खान और जितेंद्र सैनी नाम के दो युवकों ने अपहरण कर लिया था। जितेंद्र की पुरोला में साइकिल रिपेयरिंग की दुकान है जबकि उबैद खान इसी बाजर में कंबल बनाता है। पीड़िता क्लास 9 की छात्रा है जो माता-पिता की मौत के बाद अपने मामा के साथ रहती है। फ़िलहाल दोनों आरोपितों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इस घटना से नाराज हो कर स्थानीय व्यापारियों और निवासियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इन प्रदर्शनों में बाहरी मुस्लिमों को उनके मूल घर भेजने की माँग की जा रही है।