Sunday, December 22, 2024
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कभी बेचता था हॉट डॉग, अब पुतिन को तख्तापलट की धमकी: कौन है वैगनर ग्रुप का येवगेनी प्रिगोझिन, रूसी राष्ट्रपति के ‘खास’ से कैसे बना ‘बागी’

प्रिगोझिन को पुतिन का करीबी कहा गया। लेकिन एक सच यह भी था कि उसका शुरुआती जीवन कई अपराधों को करके गुजरा। जैसे उसने 18 साल की उम्र में अंधेरी सड़क परएक महिला की गर्दन दबाकर उसे बेहोश किया था और उसके बाद उसकी गोल्ड ईयरिंग लेकर वहाँ से फरार हो गया था।

रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की निजी आर्मी वैगनर ने उनके खिलाफ बगावत कर दी है। वैगनर के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन ने खुलेआम सत्ता पलट करने की धमकी देते हुए रोस्तोव शहर के सैन्य मुख्यालयों और हवाई अड्डों समेत कई स्थलों पर कब्जा करने की बात कही है। इसके अलावा रूसी सेना के साथ उनकी झड़प की खबरें भी मीडिया में आ रही हैं।

रूस में बगावत की यह खबरें बेहद हैरान करने वाली है क्योंकि यूक्रेन के खिलाफ रूसी सेना के साथ जंग में इसी आर्मी ने पुतिन का साथ दिया था। उसके सामान्य तौर पर भी प्रिगोझिन के पुतिन से खास रिश्ते थे। दोनों में कॉमन बात यह थी कि उनका गृहनगर सेंट पीटर्सबर्ग ही था। जब पुतिन राष्ट्रपति बनकर अपने गृहनगर के लोगों से मिलते तो उन्हें खुशी होती और इसी बीच उनकी मुलाकात प्रिगोझिन से हुई।

प्रिगोझिन को पुतिन का करीबी कहा गया। लेकिन एक सच यह भी था कि उसका शुरुआती जीवन कई अपराधों को करके गुजरा। जैसे उसने 18 साल की उम्र में अंधेरी सड़क परएक महिला की गर्दन दबाकर उसे बेहोश किया था और उसके बाद उसकी गोल्ड ईयरिंग लेकर वहाँ से फरार हो गया था।

1981 में तो वो डकैती और लूटपाट की हरकतों के कारण उसे 13 साल के करीब जेल की सजा मिली। लेकिन सन् 1990 में जब वो रिहा हुआ तो फिर उसने हॉट-डॉग स्टैंड लगाया था। इसके बाद वो हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री में रहा। उसे कई केटरिंग कॉन्ट्रैक्ट्स मिले। 1995 में उसने रेस्टोरेंट खोलने का निर्णय लिया और वाइन शॉप, फिर सेंट पीटर्सबर्ग के वासिलिव्स्की द्वीप पर अपने नए रेस्टोरेंट ओल्ड कस्टम्स हाउस खोला। धीरे-धीरे इस रेस्टोरेंट का इतना नाम हुआ कि यहाँ व्लादिमीर पुतिन भी आने लगे।

जब पुतिन का उससे संपर्क हुआ तो उसे ‘पुतिन का शेफ’ का नाम दे दिया गया। पुतिन ने प्रिगोझिन की कई जगह लोन आदि लेने में भी मदद की। इसके बाद उसने वैगनर फौज बनाई। वह सुडान, लिबिया मोजांबिया, यूक्रेन और सीरिया में हुए युद्ध अपराधों में भी शामिल रहा। बताया जाता है कि वैगनर की स्थापना के बाद प्रिगोझिन की ताकत बढ़ी तो उसमें पैसों का लालच भी भी गया।

2014 में प्रिगोझिन के कॉनकॉड समूह और रूसी रक्षा मंत्रालय के बीच मिलिट्री के लिए भोजन उपलब्ध करवाने को लेकर बातचीत शुरू हुई। हालाँकि, यह प्रोजेक्ट शुरू में असफल रहा। लेकिन 2015 में उसकी कंपनियों ने सेना को खिलाने के लिए 92 बिलियन रूबल से अधिक का कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया। 2014 में प्रिगोझिन ने ही पुतिन को निजी सैन्य कंपनियाँ स्थापित करने की सलाह दी थी। इसके बाद वो पुतिन का और करीबी हो गया।

रूसी सेना ने प्रिगोझीन के हमले को बताया- पागलपन

अब उसी प्रिगोझीन को लेकर खबरें हैं कि उसने कहा, “हम हमारे रास्ते में आने वाले किसी भी व्यक्ति को नष्ट कर देंगे। हम आगे बढ़ रहे हैं और अंत तक आगे बढ़ेंगे।” वहीं रूसी सेना के वरिष्ठ अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल व्लादिमीर अलेक्सेयेव ने प्रिगोझिन के कदम को पागलपन बताया और कहा कि इससे देश में गृह युद्ध का खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने कहा, “यह देश और राष्ट्रपति की पीठ में छुरा घोंपने जैसा है। …इस तरह की उकसावे की कार्रवाई केवल रूस के दुश्मन ही कर सकते हैं।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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