डीएलएफ लैंड डील (DLF Land Deal) की जाँच कर रही हरियाणा पुलिस की विशेष जाँच दल (SIT) को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) से एक हैरान करने वाला जवाब मिला है। इसके मुताबिक कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा की कंपनियों से जुड़े दस्तावेज बैंक के बेसमेंट में आई बाढ़ में बर्बाद हो चुके हैं। इस मामले में दर्ज एफआईआर में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा का भी नाम है।
बैंक ने जिन दस्तावेजों के नष्ट होने की जानकारी दी है उनमें रॉबर्ट वाड्रा द्वारा संचालित कंपनियों के साल 2008 और 2012 के महत्वपूर्ण वित्तीय लेन-देन के रिकॉर्ड थे। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक SIT ने 26 मई 2023 को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से इन रिकॉर्डों को लेकर संपर्क किया। दौरान बैंक से स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और स्काईलाइट रियल्टी नाम की 2 कंपनियों के खातों के बारे जानकारी माँगी गई थी। इन दोनों कंपनियों में रॉबर्ट वाड्रा डायरेक्टर के पद पर थे।
SIT को जवाब देते हुए बैंक की गुरुग्राम की एक शाखा ने बताया कि भारी बारिश के कारण उनके बेसमेंट में पानी भर गया था। इस पानी में महत्वपूर्ण रिकॉर्ड नष्ट हो गए थे। इस जवाब के बाद SIT ने यूनियन बैंक को नोटिस जारी कर यह पूछा है कि पानी से सिर्फ रॉबर्ट वाड्रा की कंपनियों से जुड़े रिकॉर्ड ही नष्ट हुए हैं या बाकी फर्मों से जुड़े दस्तावेजों को भी नुकसान हुआ है। साथ ही SIT ने 20 जून 2023 को यूनियन बैंक की दिल्ली स्थित न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी शाखा को भी नोटिस भेजा है। इस नोटिस में स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी और स्काईलाइट रियल्टी से जुड़े रिकॉर्ड नष्ट होने के दावों की सच्चाई का पता लगाने के लिए कहा गया है। हालाँकि SIT की इस माँग पर बैंक ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।
इस मामले की जाँच 1 सितंबर 2018 को शुरू हुई थी। हरियाणा में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बनने के बाद इस लैंड डील को लेकर एफआईआर दर्ज हुई थी। इसमें भूपिंदर सिंह हुड्डा, रॉबर्ट वाड्रा, रियल एस्टेट दिग्गज डीएलएफ, ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज और स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी का नाम है। इस हाईप्रोफाइल मामले की जाँच के लिए SIT गठित की गई थी। इस टीम में आईएएस मुकुल कुमार, रेरा पंचकुला के सदस्य दिलबाग सिंह और एक कानूनी सलाहकार को शामिल किया गया था।
गुरुग्राम जमीन घोटाला
सितम्बर 2018 में गुरुग्राम के राठीवास गाँव निवासी सुरेंद्र शर्मा नाम के एक व्यक्ति ने रॉबर्ट वाड्रा, भूपिंदर हुड्डा और अन्य के खिलाफ पुलिस में FIR दर्ज करवाई थी। इस FIR में बताया गया था कि रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने साल 2008 में गुरुग्राम के गाँव शिकोहपुर (अब सेक्टर 83) में 3.5 एकड़ जमीन ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से 7.5 करोड़ रुपए में खरीदी थी। शिकायतकर्ता ने इस सौदेबाजी में बड़े स्तर पर धांधली का आरोप लगाते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री हुड्डा पर रॉबर्ट वाड्रा को नियमों के विरुद्ध जाते हुए फायदा पहुँचाने का आरोप लगाया था।
FIR में कहा गया था कि इस फैसले से सरकारी राजस्व को काफी नुकसान पहुँचा था। थोड़े समय के बाद कॉमर्शियल वाणिज्यिक लाइसेंस हासिल कर स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने इसी संपत्ति को कथित तौर पर 58 करोड़ रुपए में डीएलएफ को बेच दिया था। आरोप यह भी है कि हुड्डा सरकार ने DLF को गुड़गांव के वजीराबाद में 350 एकड़ जमीन आवंटित कर इस भूमि सौदे को सरल बनाया था। हालाँकि मानेसर के तहसीलदार ने अपनी एक जाँच में बताया था कि स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने वास्तव में 18 सितंबर 2012 को डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड को 3.5 एकड़ जमीन बेची थी, जिसमें लेन-देन के सभी नियमों का सही से पालन हुआ था।
साल 2018 में CBI ने भूमि अधिग्रहण घोटाले के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। यह चार्जशीट हरियाणा के पंचकुला स्थित CBI की विशेष अदालत में दायर हुई थी। इसी साल हरियाणा सरकार ने 1500 करोड़ के मानेसर भूमि सौदा मामले की जाँच के लिए राज्य पुलिस को हरी झंडी दी थी। इन तमाम आरोपों के अलावा वाड्रा पर राजस्थान में जमीन हड़पने के आरोपों की भी जाँच चल रही है।