विपक्षी दलों के गठबंधन ‘I.N.D.I.A.’ ने घोषणा की है कि वह नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। नोटिस सौंपने का फैसला कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress President Mallikarjun Kharge) की ऑफिस में विपक्षी दलों की बैठक के दौरान लिया गया।
लोकसभा में कॉन्ग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Choudhary) ने इसकी पुष्टि की है। चौधरी ने इसकी एक न्यूज एजेंसी को जानकारी देते हुए कहा, “विपक्षी दल कल सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाएँगे।”
“आज यह निर्णय लिया गया है कि हमारे पास अविश्वास प्रस्ताव का सहारा लेने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होगा, क्योंकि सरकार विपक्षी दलों की इस माँग को स्वीकार नहीं कर रही है कि मणिपुर के मुद्दे पर कम-से-कम प्रधानमंत्री को संसद में बयान देना चाहिए। वह (पीएम मोदी) भारत के प्रधानमंत्री के अलावा संसद में हमारे नेता हैं। लेकिन, वह (प्रधानमंत्री) हमारी माँग को अस्वीकार कर रहे हैं।”
Leader of Congress in Lok Sabha, Adhir Ranjan Chowdhury to ANI: "…But he (PM) has been declining our hard pressed demand. However, it was an innocuous demand by nature. Nonetheless, the Prime Minister has not been considering our demand. That is why we thought to bring a…
— ANI (@ANI) July 25, 2023
चौधरी ने आगे कहा, “यह एक सहज माँग है, फिर भी प्रधानमंत्री हमारी माँग पर विचार नहीं कर रहे हैं। इसीलिए हमने अविश्वास प्रस्ताव लाने के बारे में सोचा। विपक्ष का मुख्य तर्क है… माना जाता है कि सरकार के खिलाफ लगे आरोपों का जवाब खुद प्रधानमंत्री देंगे। कोई अन्य विकल्प न मिलने पर हम इस संसदीय उपकरण का सहारा लेने के लिए मजबूर हैं, जिसे अविश्वास प्रस्ताव कहा जाता है।”
उधर, विपक्ष की इस कार्यवाही को लेकर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने नरेंद्र मोदी सरकार का जमकर बचाव किया। जोशी ने कहा, “लोगों को पीएम मोदी और बीजेपी पर भरोसा है। वे (विपक्षी दल) पिछले कार्यकाल में भी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आये थे। इसके बाद देश के लोगों ने उन्हें सबक सिखाया।”
#WATCH | Parliamentary Affairs Minister Pralhad Joshi says, "People have confidence in PM Modi and BJP. They brought a No Confidence Motion in the last term as well. People of this country taught them a lesson." pic.twitter.com/GCemoT5gLT
— ANI (@ANI) July 26, 2023
विपक्षी दलों द्वारा एक बार फिर अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साल 2019 का एक वीडियो वायरल हो रहा है। पीएम मोदी ने 7 फरवरी 2019 को विपक्षी दलों से कड़ी मेहनत करने का आग्रह किया था, ताकि वे साल 2023 में वे अविश्वास प्रस्ताव ला सकें।
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने 1 घंटे 37 मिनट लंबे अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा था, “2018 में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मेरी आवाज का भरपूर गला घोंटने का प्रयास किया गया था। डेढ़-पौने दो घंटे की नारेबाजी के बीच, ईश्वर की कृपा से मैंने अपनी बात देश और दुनिया के सामने रखी।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, “उस समय मैंने आपको एक शुभकामनाएँ दी थीं। एक बार फिर मैं आपको शुभकामनाएँ देना चाहता हूँ कि आप इतनी तैयारी करो… इतनी तैयारी करो कि साल 2023 में फिर से आपको अविश्वास प्रस्ताव लाने का मौका मिले।”
In 2019, during his address in the Lok Sabha, PM Modi recalled his previous speech. He asked the Opposition to prepare well and bring another #NoConfidenceMotion against him in the future. The Opposition seems to be behaving exactly as he predicted pic.twitter.com/INOx4HTMbN
— OpIndia.com (@OpIndia_com) July 26, 2023
कॉन्ग्रेस पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि कॉन्ग्रेस के अहंकार ने उसे 400 से घटाकर 40 सीटों पर ला दिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की सेवा के कारण ही भाजपा 2 से वर्तमान स्थिति (प्रचंड बहुमत) तक पहुँचे हैं। इसके बावजूद भी कॉन्ग्रेस गलतफहमी में जी रही है। बताते चलें कि जुलाई 2018 में कॉन्ग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था।
उन्होंने कहा था, “पहले मुट्ठी भर लोग विशेषाधिकार का आनंद ले रहे थे, वे इसे अपना विशेष अधिकार मानते थे। जब इस विशेषाधिकार को लोगों के जनादेश द्वारा चुनौती दी जाने लगी तो उनकी समस्याएँ बढ़ने लगीं। जब व्यवस्था को प्रभावित करने की परंपरा बंद हो गई तो उन्हें परेशानी होनी ही थी। जब भ्रष्टाचार से आय बंद हो गई तो उनकी बेचैनी बढ़ गई।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना संबोधन यह कहते हुए समाप्त किया, “मैं एक बार फिर इन महान व्यक्तियों को 2024 में अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए आमंत्रित करते हुए अपनी बात समाप्त करता हूँ और मैं सदन से इस अविश्वास प्रस्ताव को गिराने का भी आग्रह करता हूँ।”