केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ विपक्षी गठबंधन ‘I.N.D.I.A.’ द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव 10 अगस्त 2023 को लोकसभा में गिर गया। मोदी सरकार ने ध्वनि मत से अविश्वास प्रस्ताव जीत लिया। इस दौरान सदन में विपक्षी दल अनुपस्थित रहे। इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्षी गठबंधन से लेकर कॉन्ग्रेस, इंदिरा गाँधी, जवाहरलाल नेहरू और कॉन्ग्रेस के गठन तक पर चर्चा की। उन्होंने राहुल गाँधी से लेकर अधीर रंजन चौधरी तक पर निशाना साधा।
पीएम मोदी ने कहा, “विपक्ष के साथियों की एक बात के लिए तारीफ करना चाहता हूँ। मैंने कहा था कि 2023 में अविश्वास प्रस्ताव लेके आओ। वो लोग लेकर आए। मेरी बात मानी उन्होंने, लेकिन मुझे दुख इस बात का है कि उनको पाँच साल मिले। थोड़ी तैयारी करते। वे मुद्दे खोज नहीं पाए। इन्होंने देश को निराश किया है।”
कॉन्ग्रेस पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “2028 में फिर कोशिश कीजिएगा। जब 2028 में प्रस्ताव लेके आएँ तो तैयारी करके आना। ऐसी घिसी-पिटी बातें लेकर मत आना। देश को लगे कि कम-से-कम आप विपक्ष के योग्य हो। आपने वो योग्यता भी खो दी।”
अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने मिजोरम पर हवाई हमला, असम और चीन से युद्ध का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा, “5 मार्च 1966 को कॉन्ग्रेस ने मिजोरम में असहाय नागरिकों पर अपनी वायुसेना से हमला करवाया था। क्या मिजोरम के लोग भारत के नागरिक नहीं थे? आज भी पाँच मार्च को पूरा मिजोरम शोक मनाता है।”
कॉन्ग्रेस पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उसने इस सच को छिपाया। कभी घाव भरने की कोशिश नहीं की। इस वक्त इंदिरा गाँधी पीएम थीं। अकाल तख्त पर हमला सबको याद है, लेकिन ऐसे हमले पहले ही शुरू हो गए थे। इंदिरा गाँधी ने कच्चातीवू द्वीप को 1974 में श्रीलंका को दे दिया। बताते चलें कि शुुरू में 285 एकड़ की यह भूमि रामनाथपुरम के अधीन हुआ करती थी।
चीन के हमले को याद करते हुए पीएम ने कहा कि देश पर चीन का हमला हो रहा था। उस समय लोगों को मदद की आस थी, लेकिन ऐसी विकट घड़ी में पंडित नेहरू ने कहा था कि ‘my heart goes out to the people of Assam’ पीएम मोदी ने कहा कि नेहरू ने वहाँ के लोगों को भाग्य भरोसे छोड़ दिया था।
सदन में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि लोहिया ने नेहरू पर आरोप लगाते हुए कहा था कि नेहरू जान बूझकर नॉर्थ ईस्ट का विकास नहीं कर रहे। पीएम ने कहा कि जहाँ पर एक-दो लोकसभा सीट होती थीं, वहाँ कॉन्ग्रेस का ध्यान नहीं रहता था। मणिपुर की मौजूदा स्थिति के लिए उन्होंने कॉन्ग्रेस दोषी ठहराया।
कॉन्ग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कॉन्ग्रेस की महफिल में जो दरबारी हाजिर नहीं होता था, उसे कुछ नहीं मिलता था। कॉन्ग्रेस ने परिवारवाद के कारण बीआर अंबेडकर, जगजीवन राम, चौधरी चरण सिंह, चंद्रशेखर जैसे लोगों को प्रताड़ित किया। कॉन्ग्रेस ने परिवार से बाहर वाले प्रधानमंत्रियों की तस्वीर सदन तक में नहीं लगाई थी।
इस दौरान पीएम मोदी ने कॉन्ग्रेस के नेतृत्व वाली I.N.D.I.A पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा, “मैं विपक्ष के साथियों के प्रति संवेदना व्यक्त करना चाहता हूँ। आपने अभी बेंगलुरु में करीब दो दशक पुराने UPA का क्रियाक्रम, अंतिम संस्कार कर दिया है। लेकिन, एक तरफ ये क्रियाकर्म कर रहे थे तो दूसरी तरफ जश्न भी मना रहे थे। यह खंडहर पर नया प्लास्टर लगाने जैसा था।”
राहुल गाँधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “वर्षों से एक ही फेल प्रोडक्ट बार-बार लॉन्च करते हैं। उसकी हर बार लॉन्चिंग फेल हो जाती है। इसका परिणाम यह होता है कि उसका मतदाताओं के प्रति उसकी नफरत भी आसमान छूने लगती है।” उन्होंने आगे कहा, “जिन लोगों को सिर्फ नाम का सहारा है, उनके लिए कुछ पंक्तियाँ है- दूर युद्ध से भागते नाम रखा रणधीर, भाग्यचंद की आज तक, सोई है तकदीर।”
पीएम मोदी ने कहा कि विरोधी दलों को देश को लेकर कोई चिंता नहीं रही। पीएम ने कहा, “आज देश विश्व की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। जब 2028 में ये लोग अविश्वास प्रस्ताव लाएँगे, तब भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।”
इस बीच, कॉन्ग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी को ‘घोर कदाचार’ के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। यह निलंबन तब तक प्रभावी रहेगा, जब तक कि संसद की विशेषाधिकार समिति अपनी रिपोर्ट नहीं सौंप देती।