ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म अनएकेडमी (Unacademy) ने किरण सांगवान को नौकरी से निकाल दिया है। सांगवान का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वह अंग्रेजों के कानून में बदलाव के लिए लाए गए बिल को लेकर अपनी भड़ास निकालते दिखे थे। इसके जरिए वे छात्रों के बीच एक खास पॉलिटिकल एजेंडा का प्रसार कर रहे थे।
अनएकेडमी ने इस वीडियो को राजनीति से प्रेरित मानते हुए उन पर कार्रवाई की है। ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म के को-फाउंडर रोमन सैनी ने कहा कि क्लास निजी राय और विचार साझा करने की जगह नहीं है। यह छात्रों को गलत तरीके से प्रभावित कर सकता है। सांगवान ने ऐसा कर संस्थान की आचार संहिता का उल्लंघन किया है।
सैनी ने एक ट्वीट में कहा है, “हमने अपने सभी शिक्षकों के लिए एक सख्त आचार संहिता बनाई है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि हमारे छात्रों की निष्पक्ष ज्ञान तक पहुँच हो। हम जो कुछ भी करते हैं उसके केंद्र में हमारे छात्र होते हैं। कक्षा निजी राय और विचार साझा करने की जगह नहीं है, क्योंकि इस तरह के विचार छात्रों को गलत तरीके से प्रभावित कर सकते हैं। मौजूदा हालातों में हमें करण सांगवान से अलग होने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि वह आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे थे।”
We are an education platform that is deeply committed to imparting quality education. To do this we have in place a strict Code of Conduct for all our educators with the intention of ensuring that our learners have access to unbiased knowledge.
— Roman Saini (@RomanSaini) August 17, 2023
Our learners are at the centre of…
हाल ही में संपन्न हुए संसद के मॉनसून सत्र में केंद्र सरकार ने अंग्रेजों के जमाने के कानूनों में बदलाव के लिए कुछ बिल पेश किए थे। लोकसभा में पेश किए गए ये बिल हैं- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम। ये बिल ब्रिटिश काल की भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में बदलाव के लिए लाए गए हैं।
करण सांगवान ने क्या कहा था?
करण सांगवान जिस वीडियो को लेकर विवादों में आए हैं, उसमें वे इन्हीं बिलों पर भड़ास निकाल रहे हैं। यह वीडियो 13 अगस्त 2023 का है। लीगल पाठशाला नामक यूट्यूब चैनल पर इसे अपलोड किया गया है। इसमें सांगवान कह रहे हैं, “यह सरासर झूठ है कि अंग्रेजों का बनाया गया कानून रद्द कर दिया गया है। सरकार ने दावा किया कि उन्होंने कानून बदल दिया है। यह संभव नहीं है। आप ऐसा नहीं कर सकते। यह कानून अंग्रेजों ने खूबसूरती से तैयार किया था।”
आगे वे छात्रों से कहते हैं, “मुझे नहीं पता कि इस पर हँसूँ या रोऊँ। मेरे पास भी इस कानून की बहुत सारी डिक्शनरी है, केस नोट और नोट्स हैं जो मैंने तैयार किए थे। लेकिन एक बात का ध्यान रखें। अगली बार किसी ऐसे शख्स को वोट दें जो पढ़ा-लिखा हो ताकि आपको दोबारा इससे न गुजरना पड़े। ठीक है?” वह कहते हैं, “किसी ऐसे व्यक्ति को चुनें जो पढ़ा-लिखा हो, जो चीजों को समझता हो। किसी ऐसे व्यक्ति को न चुनें जो केवल नाम बदलना जानता हो। अपना फैसला ठीक से लें।”
This teacher from @unacademy is frustrated because he has to do the job he is getting paid for. Therefore, he is asking people not to vote for the government that brings new changes i.e. BJP
— BALA (@erbmjha) August 13, 2023
Your entite paycheck depends on teaching and you have a problem with making notes? 🤡… pic.twitter.com/WMQT6EaOXD
राजनीति पर उतरा विपक्ष
अनएकेडमी से सांगवान की छुट्टी के बाद विपक्ष राजनीति पर उतर आया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप मुखिया अरविंद केजरीवाल ने कहा है, “क्या पढ़े लिखे लोगों को वोट देने की अपील करना अपराध है? यदि कोई अनपढ़ है, व्यक्तिगत तौर पर मैं उसका सम्मान करता हूँ। लेकिन जनप्रतिनिधि अनपढ़ नहीं हो सकते। ये साइंस और टेक्नोलॉजी का जमाना है। 21वीं सदी के आधुनिक भारत का निर्माण अनपढ़ जनप्रतिनिधि कभी नहीं कर सकते।”
क्या पढ़े लिखे लोगों को वोट देने की अपील करना अपराध है? यदि कोई अनपढ़ है, व्यक्तिगत तौर पर मैं उसका सम्मान करता हूँ। लेकिन जनप्रतिनिधि अनपढ़ नहीं हो सकते। ये साइंस और टेक्नोलॉजी का ज़माना है। 21वीं सदी के आधुनिक भारत का निर्माण अनपढ़ जनप्रतिनिधि कभी नहीं कर सकते। https://t.co/YPX4OCoRoZ
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 17, 2023
कॉन्ग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने पीएम मोदी के साथ अनएकेडमी के संस्थापक गौरव मुंजाल की तस्वीर पोस्ट की है। उन्होंने कहा है, “जो लोग दबाव में झुक जाते हैं और जिन्हें धमकाया जा सकता है, वे कभी भी उन नागरिकों को बढ़ने में मदद नहीं कर सकते हैं जो इस दुनिया में सभी बाधाओं के खिलाफ खड़े होते हैं। ऐसे रीढ़हीन और कमजोर लोगों को शैक्षणिक प्लेटफॉर्म चलाते हुए देखकर दुख होता है।”
Those who cower under pressure and get bullied can never help nurture citizens who stand up against all odds to take on this world.
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) August 17, 2023
Sad to see such spineless and weak people run an education platform.
Care to explain this though @RomanSaini @gauravmunjal pic.twitter.com/XFUdI5YJ8m
सांगवान भी रखेंगे अपना पक्ष
इस बीच करण सांगवान ने कहा है कि वे 19 अगस्त को अपने यूट्यूब चैनल पर इस विवाद के बारे में पूरी जानकारी साझा करेंगे। उन्होंने कहा, “पिछले कुछ दिनों से एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसके कारण मैं विवादों में हूँ और उस विवाद के कारण मेरे कई छात्र जो न्यायिक सेवा परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें बहुत सारे परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं। उनके साथ-साथ मैंने भी इसका परिणाम भुगता है।”
Message from Karan Sangwan sir to all Students.#KaranSangwan#Legalpathshalahttps://t.co/gqwTWq9D6t
— Karan Sangwan (@kRnSangwan) August 17, 2023
अनएकेडमी की आधिकारिक साइट के मुताबिक, सांगवान 2020 में उनसे जुड़े थे। उनके पास क्रिमिनल लॉ में मास्टर की डिग्री की है। उनके पास 7 साल से अधिक का अनुभव है। वे शिमला के हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से पढ़े हैं।