केंद्रीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने जम्मू कश्मीर में पाकिस्तानी अजेंडे को धराशायी करने की बात कही है। जयशंकर ने कहा कि जम्मू कश्मीर में विकास की गति जैसे ही तेज़ होगी, पाकिस्तान का सारा एजेंडा अपनेआप समाप्त हो जाएगा। वाशिंगटन में एक अमेरिकी थिंक टैंक में बोलते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान पिछले 70 वर्षों से जम्मू कश्मीर को लेकर ग़लत योजनाएँ चला रहा है, जो अब ख़त्म हो जाएगा। जयशंकर ने इस दौरान लोगों को अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने वाले फ़ैसले के बारे में समझाया।
जयशंकर ने एक शीर्ष अमेरिकी थिंक-टैंक सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज में अपनी प्रमुख विदेश नीति के भाषण के बाद एक सवाल के जवाब में यह बात कही। उन्होंने बताया कि पिछले 70 सालों से राज्य में स्थिति बिगाड़ने का काम चल रहा है। जयशंकर ने कहा कि भारत विरोधी ताक़तों द्वारा जम्मू कश्मीर के स्थानीय लोगों को स्वार्थ के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है।
It was a pleasure having @DrSJaishankar and @therealNWC with us for a wide ranging conversation on #USIndia relations. Looking forward to carrying forward the discussion at the second leadership summit in New Delhi on October 21. #partners4growth https://t.co/V9vxXbZn6I
— USISPF (@USISPForum) October 2, 2019
उन्होंने उम्मीद जताई कि अगर वास्तव में राज्य में प्रगति होती है तो पाकिस्तान का सारा एजेंडा धरा का धरा रह जाएगा। इससे पहले जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था:
“अगर हम जम्मू-कश्मीर को विकास के रास्ते पर ले जाने में सक्षम हो जाते है, तो वह बहुत संभव हो जाएगा कि एक दिन पीओके के निवासी भी (जो पाकिस्तान के कब्जे में सबसे खराब स्थिति का सामना कर रहे हैं) हमारी ओर दौड़ेंगे।”
Once growth starts in Jammu and Kashmir, Pak’s 70 year’s plans will collapse: S Jaishankarhttps://t.co/GX5v8KP4b2
— Hindustan Times (@HindustanTimes) October 2, 2019
वहीं विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि जो प्रतिक्रियाएँ हुई हैं, वह 70 साल से अधिक समय के निहित स्वार्थ के कारण हुई हैं। उन्होंने बताया कि यह स्थानीय और सीमा पार के निहित स्वार्थ हैं, लेकिन सरकार जम्मू-कश्मीर के विकास का प्रबंध कर रही है। उन्होंने कहा कि इससे कोई अनभिज्ञ नहीं है कि पाकिस्तान ने पिछले 70 सालों से इसे बबार्द करने की योजनाएँ बनाई हैं।