खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। इस बीच पूर्व रॉ अधिकारी जीबीएस सिद्धू का बड़ा दावा सामने आया है। उन्होंने कहा है कि कॉन्ग्रेस हिंदुओं को डराने के लिए खालिस्तानी आतंकी भिंडरावाले को सामने लेकर आई थी। इंदिरा गाँधी, उनके बेटे संजय गाँधी और कमलनाथ भिंडरावाले को पैसे भेजते थे।
#WATCH | Former special secretary, R&AW GBS Sidhu says, "…At that time, the method used was Bhindranwale Khalistan. So they will use Bhindranwale to scare the Hindus & a new issue will be created of Khalistan which was non-existent at that time. So that larger population of… pic.twitter.com/5of3QIJxHb
— ANI (@ANI) September 19, 2023
पूर्व रॉ अधिकारी जीबीएस सिद्धू का एनआईए के पॉडकास्ट का एक वीडियो सामने आया है। इसमें उन्होंने दावा किया, “आपातकाल के बाद इंदिरा गाँधी चुनाव हार गईं थीं। इसके बाद ज्ञानी जैल सिंह ने अकाली दल और जनता पार्टी गठबंधन के बीच मतभेद पैदा करने के लिए ऑपरेशन-1 शुरू किया। इसके तहत इन लोगों ने एक बड़े संत को लाने का फैसला किया। यह ऐसा होगा जो हमारी बातें मानते हुए अकाली दल की नीतियों की आलोचना करेगा। इसके बाद जनता पार्टी भी कुछ कहेगी। इससे उनका गठबंधन टूट जाएगा।” (इस बातचीत को विडियो में 7:30 के बाद सुना जा सकता है।)
जीबीएस सिद्धू ने आगे कहा है कि इसके लिए ज्ञानी जैल सिंह, संजय गाँधी, इंदिरा गाँधी और कमलनाथ काम कर रहे थे। यह सब इंदिरा गाँधी के कार्यालय अकबर रोड और उनके घर 1-सफदरजंग से चल रहा था। इन लोगों ने भिंडरावाले को खालिस्तान से जोड़ते हुए यह सब करना शुरू किया था। इनका उद्देश्य था कि भिंडरावाले का उपयोग हिंदुओं को डराने के किए करेंगे। इसके साथ ही खालिस्तान का एक मुद्दा बनाया गया जो उस समय आस्तित्व में नहीं था।
पूर्व रॉ अधिकारी ने तत्कालीन कॉन्ग्रेस नेतृत्व खासतौर से इंदिरा गाँधी, संजय गाँधी और कमलनाथ की प्लानिंग की पोल खोलते हुए कहा है कि खालिस्तान का मुद्दा उठाकर इनकी साजिश थी कि इससे देश के लोग सोचेगें कि देश की अखंडता को खतरा है। इससे उन्हें राजनीतिक फायदा होगा।
उन्होंने ब्रिटेन में भारत के पूर्व उच्चायुक्त और प्रसिद्ध लेखक कुलदीप नैयर की किताब ‘बियॉन्ड द लाइन’ के हवाले से कहा कि उन्होंने भिंडरावाले को लेकर एक बार कमलनाथ से बात की थी। तब, कमलनाथ ने कहा था कि वह एक हाई प्रोफाइल और कड़क संत की तलाश कर रहे हैं। जो हमारी बातें फैला सके। इसके लिए कमलनाथ ने दो संतों का इंटरव्यू किया था। एक संत बेहद विनम्र थे। लेकिन भिंडरावाले ठीक वैसा था जैसा वह चाहते थे।
जीबीएस सिद्धू ने आगे दावा किया है कि कमलनाथ ने कुलदीप नैयर से यह भी कहा था कि वह, संजय गाँधी और उनकी टीम के लोग भिंडरावाले को पैसे भी दे रहे थे। भिंडरावाले को पैसे भेजने में वो लोग शामिल थे जो ऑपरेशन-1 का हिस्सा थे। इसका मतलब यह है कि भिंडरावाले को पैसे देने में न सिर्फ कमलनाथ और संजय गाँधी बल्कि ज्ञानी जैल सिंह और इंदिरा गाँधी भी शामिल थीं। यानी कि कॉन्ग्रेस ही भिंडरावाले को प्रोजेक्ट कर रही थी।
खालिस्तान का मुद्दा कॉन्ग्रेस द्वारा ही लाया गया है, इसकी पुष्टि करते हुए उन्होंने दावा किया, “भिंडरावाले ने कभी भी खालिस्तान की माँग नहीं की थी। वह सिर्फ यही कहता था कि बीबी, मतलब इंदिरा गाँधी अगर मेरी झोली में खालिस्तान डाल देंगी तो मैं ना भी नहीं करूँगा। भिंडरावाले का उपयोग धार्मिक उपदेशों के लिए नहीं बल्कि राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए किया गया था।”