Friday, October 18, 2024
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‘टोपी पहनने से कोई गाँधी नहीं हो जाता’: एनसीपी नेता पर भड़के अन्ना हजारे, मानहानि केस की दी धमकी

जितेंद्र आव्हाड ने अन्ना हजारे पर निशाना साधते हुए कहा था कि टोपी पहनने से कोई गाँधी नहीं बन जाता। अन्ना हजारे के कारण देश को नुकसान हुआ है।

अन्ना हजारे ने अपने खिलाफ बयान देने वाले लोगों को लेकर चुप्पी तोड़ी है और वकील से सलाह-मशविरा के बाद मानहानि का केस करने की धमकी दी है। उन्होंने एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड के उस एक्स (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें जितेंद्र आव्हाड ने कहा था कि अन्ना हजारे की वजह से देश का बड़ा नुकसान हुआ है। इसके जवाब में अन्ना हजारे ने कहा कि हाँ, हो सकता है कि मेरी वजह से ‘कुछ लोगों का’ नुकसान हुआ हो।

अन्ना हजारे ने दी केस करने की धमकी

अन्ना हजारे ने एएनआई से कहा, “अगर यह कहा जाए कि मेरी वजह से देश को नुकसान हुआ है, तो मेरे ही कारण देश में कई सारे ऐसे कानून बनाए गए हैं, जिनसे देश के लोगों को फायदा हुआ है। बहुत फायदा हुआ है। हाँ, मैं इस बात को खारिज नहीं कर रहा हूँ कि मेरे कई आंदोलन के कारण, उनके कई लोगों को नुकसान हुआ है। कई लोगों को मेरी वजह से घर पर बैठना पड़ गया।”

अन्ना ने आगे कहा, “मेरे कारण ही उनका यह नुकसान हुआ है और शायद वह इसे झेल नहीं पा रहे हैं। हालाँकि, कुछ लोगों का काम ही है कि वह मेरे ऊपर झूठे आरोप लगाएँ। मुझे बदनाम करें लेकिन मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता। मैं इस बारे में अपने वकील से विस्तार से बात करूँगा। जिन्होंने मुझ पर आरोप लगाए हैं, उनके खिलाफ मैं मानहानि का केस करूँगा। वकील से बात करने के बाद मैं देखूँगा कि कहाँ पर और किस तरह का केस दर्ज कराना है।”

जितेंद्र आव्हाण ने कही थी ये बात

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने अन्ना हजारे की फोटो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में टि्वटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि इस आदमी ने देशभर की यात्रा की थी। टोपी पहनने से कोई गाँधी नहीं बन जाता। जितेंद्र आव्हाड ने अन्ना हजारे पर निशाना साधते हुए कहा था कि अन्ना हजारे के कारण देश को नुकसान हुआ है।

कौन हैं अन्ना हजारे?

अन्ना हजारे एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जिन्हें आमतौर पर “अण्णा” के नाम से जाना जाता है। वे भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के लिए जाने जाते हैं, जिसने भारत में व्यापक जन आंदोलन को जन्म दिया। अन्ना हजारे का जन्म 15 जून, 1937 को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के एक छोटे से गाँव भींगर में हुआ था। उन्होंने सेना में भी 12 साल काम किया है।

साल 2011 में अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन शुरू किया। उन्होंने एक जन लोकपाल विधेयक की माँग की, जो भ्रष्टाचारियों को सजा देने के लिए एक स्वतंत्र और मजबूत संस्था होगी। उनके आंदोलन ने लाखों लोगों को प्रेरित किया, और सरकार को जन लोकपाल विधेयक पारित करने के लिए मजबूर किया। अन्ना हजारे के आंदोलन ने भारत में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को एक नई दिशा दी। उन्होंने दिखाया कि आम लोग भी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं और सरकार को बदल सकते हैं। हालाँकि, उनके ही आंदोलन से निकली आम आदमी पार्टी के कई नेता भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं।

अन्ना हजारे को उनके काम के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें पद्म भूषण, राजीव गाँधी राष्ट्रीय सेवा पुरस्कार और लोक सेवा पुरस्कार शामिल हैं। वो मौजूदा समय में रालेगण सिद्धी में रहते हैं और कई आंदोलनों को चला चुके हैं। फॉरेन पॉलिसी नाम की मैगजीन ने अन्ना हजारे को साल 2011 में दुनिया के शीर्ष 100 विचारकों में शामिल किया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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