Wednesday, April 23, 2025
196 कुल लेख

अर्पित त्रिपाठी

अवध से बाहर निकला यात्री...

JNU वाली बकलोली बंद करो कन्हैया कुमार! सड़कों से पानी की नहीं होती चोरी, आता है विकास: अपने मालिक (राहुल गाँधी) से पूछो उसके...

एक समय था कि मजदूरों को पूंजीपतियों और विकास के विरुद्ध भड़का कर कम्युनिस्ट नेतागिरी चमकाया करते थे। अब वह दौर नहीं रहा। कन्हैया की इस राजनीति को बिहार नहीं स्वीकार करने वाला है।

कंगना रनौत, केतकी चिताले, सुनैना होले… ने जो झेला उसके तो कुणाल कामरा ने अभी दर्शन भी नहीं किए, फिर भी फट गई लिबरलो...

सबसे अधिक दोगलापन तो कुणाल कामरा का ही विक्टिम कार्ड खेलना होगा। आज बोलने की आजादी पर रोने वाला कुणाल कामरा कंगना रनौत का दफ्तर BMC द्वारा गिराए जाने पर अट्टाहास कर रहा था।

जो तुष्टिकरण से करे प्यार, वो इफ्तार से कैसे करे इनकार: राम मंदिर-महाकुंभ को No-No, मुस्लिम लीग को YES; कॉन्ग्रेस की राजनीति का यही...

महाकुंभ से पहले ठीक एक वर्ष पहले भी गाँधी परिवार ने स्पष्ट कर दिया था कि उनकी प्राथमिकताएँ क्या हैं। 500 वर्षों के संघर्ष के बाद हिन्दुओं को मिले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण कॉन्ग्रेस ने ठुकरा दिया था।

नक्सलियों के खिलाफ आरपार की लड़ाई, 80 दिन में 100+ निपटाए: 2024 में 290 मारे थे, मोदी सरकार में 10% जिलों में सिमट गए...

वर्ष 2004 से 2014 के बीच नक्सली हिंसा की कुल 16,463 घटनाएँ हुई थीं, जबकि मोदी सरकार में 2014 हिंसक घटनाओं की संख्या 53% घटकर 7744 हो गई।

बलोच कूट रहे, तालिबानी घर में घुसकर मार रहे… अपनी ही लगाई आग में जल रहे बेटा पाकिस्तान, अब बाप-बाप (भारत) मत चिल्लाओ

बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वाह और सिंध के इलाकों में पाक फ़ौज की नाकामी यह दिखाती है कि वह वर्तमान में कोई सीधी लड़ाई लड़ने में सक्षम नहीं है।

नेहरू की भूल, जिन्ना का धोखा, ऑल इंडिया रेडियो का ऐलान, चीनी घुसपैठ… कैसे बलूचिस्तान पर पाकिस्तान का हुआ कब्जा, क्यों जाफर एक्सप्रेस तक...

कलात के शासक ने विलय के कागज भारत को भिजवाए थे, जिन्हें नेहरू ने वापस कर दिया। यह दावा भी एक ब्रिटिश थिंक टैंक ने किया है।

अरुणाचल में जब 1% थे ईसाई तब बना धर्मांतरण रोकने का कानून, अब 30% के हुए पार तो लागू हो रहा: जानिए अब मिशनरी...

अरुणाचल प्रदेश में यह कानून 1978 में जनता पार्टी के शासनकाल में लाया गया था। तब प्रेम खांडू थान्गुन यहाँ के मुख्यमंत्री थे। लेकिन बाद में राज्य कॉन्ग्रेस सरकारें रहीं और इसे लागू नहीं किया गया।

बांग्लादेश में हिंसा करते रहे इस्लामी कट्टरपंथी, UN ने बाँध रखे थे फौज के हाथ: जानिए एक्शन में आते ही कैसे रुक जाती सालाना...

बांग्लादेश संयुक्त राष्ट्र के शान्ति मिशन में बड़ी संख्या में सैनिक भेजता है। बांग्लादेश को शान्ति मिशन से हर साल लगभग ₹2600 करोड़ की कमाई होती है। इनमें से आधा ही वह अपने सैनिकों को देता है।