Monday, November 4, 2024
9 कुल लेख

Abhishek Banerjee

Abhishek Banerjee is a columnist and author.  

डर का माहौल! भारत के सबसे ‘ईमानदार’ पत्रकार 3 दिन से कहाँ गायब? क्या यह चुप्पी ही है आज का शो

रेडियो चुप है। कोई ब्लैक स्क्रीन नहीं है। कहीं पेंट हुए चेहरे नहीं हैं और कोई मीम नहीं है। सिर्फ़ चुप्पी है। यही चुप्पी तुम्हारे रक्षक की हकीकत है। ये चुप्पी ही आज का शो है।

टीआरपी को तरसता NDTV, प्राइम टाइम में ‘TRP’ पर खूब नाचा; हाथरस की दलित मृतका को सब बिसरे

कल जो असल मुद्दों पर चर्चा नहीं होने का रोना रो रहे थे आज वही धीर-गम्भीर मीडिया अपने प्राइम टाइम पर टीआरपी के मुद्दे से बाहर ही नहीं आ पा रही है।

इराक में मारा गया सद्दाम… और कट्टरपंथियों ने बेंगलुरु में मचाई थी तबाही: कॉन्ग्रेस नेता सीके शरीफ़ ने की थी हिंसा की अगुवाई

आज से ठीक 10 साल बाद सोशल मीडिया पर उठा यह गुस्सा लगभग सभी भूल जाएँगे। लोगों को 11 अगस्त 2020 को क्या हुआ था इस बारे में सही जानकारी इकट्ठा करने के लिए अच्छी भली मेहनत करनी पड़ेगी। उसके बावजूद सही नतीजे मिले या न मिलें इसका कुछ भरोसा नहीं।

जहाँ हुए बलिदान मुखर्जी…: आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पहली जयंती

आर्टिकल 370 हटने के बाद डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पहली जयंती है। इसी दिन के लिए उन्होंने कहा था, एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे।

अयोध्या: स्मृतियों को सहेजने की जरूरत ताकि दुनिया भूल न सके हिंदुओं का दमन

अयोध्या की पुण्यभूमि की खुदाई शुरू हो गई है। भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए इसे तैयार किया जा रहा है। भारत का वास्तविक इतिहास प्रस्फुटित होने लगा है।

आतंकवाद का कोई मजहब नहीं… लेकिन भूख का धर्म होता है! पाकिस्तान-बांग्लादेश में हिन्दुओं की अनदेखी और साजिश

पाकिस्तान-बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा को दुनिया अनदेखा कर रही। शर्मनाक यह कि भारत के करोड़ों हिंदुओं को भी इससे कोई लेना देना नहीं!

भारत शब्द को कलंकित करने की तरफ बढ़ चुका है वामपंथ, वैश्विक स्तर पर लिखे जाने लगे हैं लेख

इस बार निशाने पर "भारत" शब्द है। इसके पीछे जो कारण दिया गया है वह है 'भारत ' का एक संस्कृत शब्द होना और 'इंडिया' के लिए भारतीय भाषाओं में 'भारत' का उपयोग किया जाना।

BJP MLA जो 30000 की बढ़त के बाद भी हार गए: दिल्ली में मुस्लिम ध्रुवीकरण का सबसे बड़ा सबूत

दिल्ली के मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र के चुनाव परिणाम कैसे रहे, ये जानने के लिए आपको 18वें से लेकर 23वें राउंड तक की मतगणना पर एक नज़र डालनी होगी। इन 5 राउंड्स में, मुस्लिम ध्रुवीकरण का सबसे बड़ा खेल देखने को मिला। दिल्ली चुनाव AAP ने विकास के बल पर जीता, ये नैरेटिव एकदम गलत साबित होता है।