Friday, November 22, 2024
81 कुल लेख

चंदन कुमार

परफेक्शन को कैसे इम्प्रूव करें 🙂

बंगाल-बिहार-तमिल-मराठी… सबकी आग में पूरे भारत को झोंकना चाहते हैं राहुल गाँधी, कहाँ से आई इतनी नफरत?

राज्यों को लड़ा दो, एक कंपनी को दूसरी के खिलाफ भड़का दो, जात-पात पर समाज को बाँट दो... राहुल गाँधी को लगता है कि इससे उनके 2-4 वोट बढ़ जाएँगे।

राम मंदिर के द्वार से विश्वगुरु बनने की ओर भारत, साध्य और साधन बन ऑपइंडिया का मार्ग प्रशस्त करते पाठक: संपादक का सन्देश –...

हिंदुओं के करीब 500 साल के संघर्ष और सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले ने इस क्षण का आना सुनिश्चित कर दिया था। लेकिन 2024 में ही इस क्षण का आना इसे इतिहास का एक अमिट वर्ष बना जाता है।

हरामी महुआ: सस्ती भी है, चढ़ती भी मस्त है, फर्र-फर्र अंग्रेजी निकालती है!

महुआ हरामी हो गई मेरे लिए, उसका साथ छूट गया। पहले वो गले से उतर दिल में समा जाती थी। अब मैं उसका बस दिलजला आशिक रह गया हूँ।

BBC के लिए हमास नहीं है आतंकी, रिपोर्टर ने दिखाई औकात: हिंदू देवी-देवताओं के कार्टून ‘निष्पक्ष पत्रकारिता’, पैगंबर मोहम्मद पर माँगता है माफी

"हमास को आतंकी नहीं बोलना गुमराह करना है। इनको आतंकी बोलने के बजाय आजादी के लड़ाके (फ्रीडम फाइटर) बोलना सच्चाई से मुँह मोड़ना है।"

चाइनीज पैसा लेने वाला पत्रकार क्या-क्या करता है, क्या-क्या नहीं (लिख-बोल सकता)… जानिए 4 साल तक सैलरी लेने वाले पत्रकार से

चीन से पैसे लेकर प्रोपेगेंडा कैसे होगा? अपने ही देश के खिलाफ लिख लेंगे? इनका जवाब मेरे पास है क्योंकि मैंने 4 साल काम किया है चीनी कंपनी में।

नाच रहा चीन अपनी 500 बड़ी कंपनियों के ग्रोथ पर, इंडिया के वामपंथी अभी भी मजदूरों-किसानों का हक मार खुद करते हैं अय्याशी

चीन की टॉप 500 कंपनियों ने पिछले साल 5.46 ट्रिलियन डॉलर का बिजनेस किया। कैसे? क्योंकि चीनी सरकार प्राइवेट कंपनियों को भरपूर सपोर्ट करती है।

₹266 करोड़/km से सड़क बनाने वाली AAP सरकार ₹251 करोड़/km के द्वारका एक्सप्रेसवे पर कर रही राजनीति: केजरीवाल के घड़ियालू आँसू कब तक?

केजरीवाल और AAP के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा। द्वारका एक्सप्रेसवे की लागत पर आँसू बहा रहे... जबकि खुद इससे महँगी सड़क 5 साल पहले बनाए थे।

‘बंगाल मतलब बाकी देश से अलग, इसे बचाने के लिए राष्ट्रवादी क्रांति जरूरी’: पंचायत चुनाव में हिंसा, समाज, सिस्टम, अर्थव्यवस्था पर स्वप्न दासगुप्ता

"CPM के समय पार्टी कंट्रोल्ड करप्शन था, तृणमूल के मामले में ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है। हर केंद्रीय योजना की फंड्स में चोरी।"