Friday, October 18, 2024
79 कुल लेख

चंदन कुमार

परफेक्शन को कैसे इम्प्रूव करें 🙂

मतगणना से पहले बिहार में मर्डर: BJP महिला नेता के पति को मारी 2 गोली, पटना अस्पताल पहुँचने से पहले मौत

पुलिस के मुताबिक 2 बदमाश एक बाइक पर आए, जो वारदात को अंजाम देकर आराम से भाग निकले। पुलिस को मौके से पिस्टल की गोली...

दिल्ली दंगों की प्लानिंग का वॉट्सऐप चैट, OpIndia के हाथ आए एक्सक्लुसिव सबूत से समझिए क्या हुआ 24 फरवरी को

अतहर युसूफजाई नाम का आदमी डरा हुआ है और सलाह दे रहा है कि CAA-समर्थक ग्रुप और पुलिस काफी सख्ती दिखा रही है, इसलिए नुकसान हो सकता है और...

…भारत के ताबूत में आखिरी कील, कश्मीरी नहीं बने रहना चाहते भारतीय: फारूक अब्दुल्ला ने कहा, जो सांसद है

"इस समय कश्मीरी लोग अपने आप को न तो भारतीय समझते हैं, ना ही वे भारतीय बने रहना चाहते हैं।" - भारत के सांसद फारूक अब्दुल्ला ने...

सपा-बसपा ने 10 साल में दी जितनी नौकरी, उससे ज्यादा योगी सरकार ने 3 साल में दिए

सपा और बसपा ने अपने 5 साल के कार्यकाल में जितनी नौकरियाँ दी, उससे ज्यादा योगी आदित्यनाथ की सरकार 3 साल में दे चुकी है।

रेप के बाद दलित छात्रा का गला रेतने वाले दिलशाद पर NSA के तहत कार्रवाई, पीड़ित परिवार को ₹5 लाख की मदद

लखीमपुर खीरी में दलित छात्रा का रेप के बाद हत्या करने वाले दिलशाद पर NSA के तहत कार्रवाई के निर्देश सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं।

दुष्यंत चौटाला हरियाणा में नहीं बन पाएँगे किंग मेकर, ये 3 राजनीतिक समीकरण हैं उनके खिलाफ

BJP 46 के मैजिक आँकड़े से पीछे रह गई है। पीछे तो कॉन्ग्रेस भी रह गई है। लेकिन मामला अंतर का है, मामला गणित का है। और यही गणित दुष्यंत चौटाला के किंग मेकर बनने के सपने पर भी पानी फेर रही है। जीत की खुमारी में जो मन में आए बोल लें, लेकिन वो कम से कम इस बार किंग मेकर नहीं बनने जा रहे हैं।

…जो कुर्सी के लालच में अंधा होकर PM के बाद CM बना (जी हाँ, भारत का ही नेता था वो)

कहानी की शुरुआत होती है जनक सिंह से, जो आर्मी अफसर थे। 15 अगस्त 1947 - देश तब आजाद हुआ था। कहानी के दूसरे पात्र हैं - मेहर चंद महाजन। यह वकील थे, फिर जज बने। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस भी रहे। कहानी के तीसरे पात्र वो हैं, जिन पर शीर्षक लिखा गया है।

इलेक्शन है तो मंदिर भी जाना पड़ता है – 582 दिनों का सच अब आया सामने

जामा मस्जिद के शाही इमाम द्वारा किसी खास पार्टी के समर्थन की घोषणा करने से लेकर जनेऊ और शिव-भक्त बनते हुए भारतीय राजनीति ने लंबा सफर तय कर लिया है। इस सफर में मजार पर चढ़ते चादर से लेकर गंगा आरती तक के स्टेशन आए। लेकिन अब जो आया है, वो 'रंगीला' है, 'खूबसूरत' है।