प्रेमचंद की 'रंगभूमि', 'कर्मभूमि' उपन्यास हो या भारतेंदु हरिश्चंद्र का 'भारत-दर्शन' नाटक या जयशंकर प्रसाद का 'चंद्रगुप्त'- सभी देशप्रेम की भावना से भरी पड़ी है।
सरकार ने अभ्युदय कोचिंग निःशुल्क प्रारम्भ की ताकि छात्र किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में अपनी बेहतर तैयारी कर सकें। 70,000 से अधिक ई-पेज का कंटेंट ऑनलाइन पोर्टल पर चढ़ाया जा चुका है।
स्वामीजी के अनुयायी भारत में आकर भारतीय हो गए। न कोई सेवा के नाम पर धर्मांतरण का छलावा न कोई मान-सम्मान की चाहत। उन्होंने निस्वार्थ भाव से माँ भारती की सेवा की।