संपादक की पसंद
दुनिया की पहली पीड़िता, जिसे अपने साथ हुए छेड़छाड़ और व्यभिचार का खुद ही पता नहीं
आए दिन के इन विपक्षी प्रपंचों से मेरा बाहर निकलना मुहाल हो गया है। बाहर निकलते ही सब ये पूछने लगते है कि तू ठीक तो है न, कहीं लगी तो नहीं! मेरा वश चले तो इज्ज़त के इन ठेकेदारों को तिहाड़ भेज दूँ।
लोपक -