Sunday, November 24, 2024
187 कुल लेख

रवि अग्रहरि

अपने बारे में का बताएँ गुरु, बस बनारसी हूँ, इसी में महादेव की कृपा है! बाकी राजनीति, कला, इतिहास, संस्कृति, फ़िल्म, मनोविज्ञान से लेकर ज्ञान-विज्ञान की किसी भी नामचीन परम्परा का विशेषज्ञ नहीं हूँ!

चीन के गुप्त कैदखाने: मजे-मजे में कैद हैं 10 लाख उइगर, मस्जिदों को ढाह दिया गया है

मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि चीन अल्पसंख्यकों की “नैतिक सफाई” कर रहा है। वह दिन दूर नहीं जब चीन अपनी सरजमीं से या तो इस्लाम को पूरी तरह मिटा देगा या उनकी मजहबीं परम्पराओं से लेकर, सभी मजहबी व्यवहार पूरी तरह बदल देगा। जिस तरह से चीन कार्य कर रहा है। उसकी सख्त नीतियों को देखते हुए, ऐसी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

लैला: 2047 के काल्पनिक भारत के नाम पर डर, नफ़रत, अराजकता और हिंदुत्व विरोधी तानाबाना

इनके हर झूठ को बेनकाब कीजिए, इन्हें पढ़िए, तर्कों से घेरिए, इनसे सवाल पर सवाल कीजिए, इनके हर नैरेटिव की लंका लगा दीजिए। इनसे पूछिए कि क्यों ऐसे स्टोरी-टेलर और पूँजीपति हलाला, तलाक या आतंकवाद या समुदाय विशेष पर खुलकर कुछ नहीं कह पा रहे, कुछ बना नहीं पा रहे?

बाहरी और बंगाली का एंगल तलाशती ममता अभी भी बहानेबाज़ी में ही व्यस्त है

सवाल ज्यों का त्यों है, क्या उनकी सरकार डॉक्टरों के काम करने हेतु सुरक्षित माहौल दे सकेगी? क्या बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं की नृशंष हत्या का सिलसिला रुकेगा या राजनीतिक जंग के नाम पर बुरे से बुरे और बर्बर कृत्य को भी जायज ठहराने का सिलसिला यूँ ही जारी रहेगा? यह वक्त ही बताएगा।

साध्वी प्रज्ञा: जिसने टूटी रीढ़ के साथ हिन्दू टेरर के नैरेटिव को छिन्न-भिन्न कर दिया

"साध्वी प्रज्ञा की भाजपा से उम्मीदवारी ‘भगवा या हिन्दू आतंकवाद की अवधारणा' के खिलाफ भाजपा का सत्याग्रह है।" लोकसभा उम्मीदवार घोषित होने के पहले साध्वी प्रज्ञा ने भी एक सवाल के जवाब में कहा था, ‘‘मैं धर्मयुद्ध के लिए तैयार हूँ।''

बुद्ध पूर्णिमा: आसान नहीं होता है सिद्धार्थ का गौतम बुद्ध हो जाना

गौतम बुद्ध के साथ जो घटित हुआ, वो इस संसार के हर इंसान के साथ घट सकता है। बस इसके लिए हमें अपने जीवन में गहराई लानी होगी। आज बुद्ध पूर्णिमा पर बुद्ध के मानवता को दिए गए महत्वपूर्ण योगदान के न सिर्फ स्मरण बल्कि उसे आत्मसात कर खुद भी उसी जागरण की दिशा में अग्रसर करने की चेतना जागृत करने का दिन है।

‘नफरती चिंटू’ कुणाल कामरा ने कॉन्ग्रेस काल के लिंचिंग को दिखाया मोदी के नाम

2014 से पहले के कई वीडियो का उपयोग करके, जब पीएम मोदी सत्ता में नहीं थे, कामरा जैसे 'नफरती चिंटू' ने देश में मोदी सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार और झूठ के प्रसार का ही काम किया है।

जब-जब केजरीवाल पर ‘थप्‍पड़’ पड़ा, आम आदमी पार्टी का चंदा बढ़ा, कहीं ये पब्लिसिटी स्टंट तो नहीं?

कारण जो भी हो पर, लोकतंत्र में जनता अपने नेता से कितनी भी नाराज क्यों न हो, फिर भी इस तरह से शारीरिक हिंसा पर उतर आना घोर निंदनीय है। अगर कोई पार्टी वास्तव में इसे पब्लिसिटी या चंदे का साधन बना कर प्रयोग कर रही है तो ये भी लोकतान्त्रिक व्यस्था का मजाक बनाना ही है।

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से 40 प्राचीन मंदिरों को मिलेगा भव्य स्वरुप, आस्था और आधुनिकता का अनूठा संगम

1780 ई के बाद, वाराणसी शहर सबसे बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। पीएम मोदी के नेतृत्व में, शहर का भव्यतम निर्माण कार्य काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के रूप में परिवर्तन की आधुनिक लहर से गुजर रहा है।