Thursday, November 21, 2024
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रवि अग्रहरि

अपने बारे में का बताएँ गुरु, बस बनारसी हूँ, इसी में महादेव की कृपा है! बाकी राजनीति, कला, इतिहास, संस्कृति, फ़िल्म, मनोविज्ञान से लेकर ज्ञान-विज्ञान की किसी भी नामचीन परम्परा का विशेषज्ञ नहीं हूँ!

बजरंगबली की हुई थी 3 शादी, एक खास मंदिर में पत्नी के साथ हैं विराजमान: हनुमान जयंती पर जानें पौराणिक कथा

मंगलमूर्ति हनुमान जी एक बाल ब्रह्मचारी और रामभक्त के रूप में पूजे जाते हैं, यह आप सभी को पता होगा पर क्या वे अविवाहित थे?

पिता ने कश्मीरी पंडितों के लिए शीश कटा दिया, पर औरंगजेब के सामने नहीं झुके: बेटे ने शुरू किया ‘खालसा’, जानिए कौन थे पहले...

मुगल सम्राट औरंगजेब के इस्लामी शरिया शासन के दौरान अपने पिता गुरु तेग बहादुर के सिर काटे जाने के बाद गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी।

…वो वक्त जब हिमालय जाकर प्रायश्चित करना चाहते थे भगवान श्रीराम, एक गलत काम करने का था उनको पश्चाताप

रामनवमी के दिन से ही राम को अपने व्यक्तित्व का हिस्सा बनाएँ, राम के वंशज होने के कारण हमें यह बात गाँठ बाँध लेनी चाहिए। जय श्री राम!

फगुआ, दोल जात्रा, होला मोहल्ला, भगोरिया… हर राज्य में उल्लास का अलग है रंग: भारत की विविधता, संस्कृति, लोक कला, साहित्य को समेटती होली

होली का वर्णन जैमिनी के पूर्व मीमांसा-सूत्र और कथा गार्ह्य-सूत्र, नारद पुराण और भविष्य पुराण जैसे कई पुराणों में इस पर्व का उल्लेख मिलता है।

होली पर महादेव की काशी से कृष्ण की नगरी तक छाया है उल्लास: होलिका, होलाका, धुलेंडी, धुरड्डी, धुरखेल, धूलिवंदन… हर नाम में छिपा है...

कृष्ण की नगरी मथुरा, वृन्दावन और राधा के बरसाने में होली कई दिन पहले से ही खेली जाती है। तो वहीं बनारस में भी होली रंगभरी एकादशी से बुढ़वा मंगल तक मनाई जाती है।

खेले मसाने में होरी दिगंबर… : काशी में महाश्मशान मणिकर्णिका पर खेली जाती है चिता-भस्म की अनोखी होली, तारक मन्त्र देने आते हैं महादेव

काशी में महादेव के साथ होली खेलने और उत्सव मनाने के लिए भूत-प्रेत, पिशाच, चुड़ैल, डाकिनी-शाकिनी, औघड़, सन्यासी, कपालिक, शैव-शाक्त सब आते हैं।

रंगभरी एकादशी: कश्मीरी पंडितों की रजत पालकी पर विराजमान महादेव कराएँगे माँ गौरा का गौना, 358 वर्षों से जीवंत है काशी की यह परम्परा,...

काशी में रंगभरी एकादशी 358 वर्षों से अपने भव्यतम स्वरूप में निरंतर निभाई जा रही है। इसके पहले कहा जाता है कि मुग़लों के शासन में लम्बे समय तक यह परंपरा बाधित रही।

रैली/रोड शो- 209, सीट- 2: प्रियंका गॉंधी ने UP में कॉन्ग्रेस का ऐसे किया काम तमाम

यूपी में कॉन्ग्रेस का सूपड़ा साफ होगा है। जहाँ कॉन्ग्रेस 2 सीटों पर सिमट गई है। यूपी की जनता ने प्रियंका गाँधी के नेतृत्व और तमाम चुनावी वादों को नकारते हुए कॉन्ग्रेस को और भी पीछे ढकेल दिया है।