दूसरे समुदाय के कुछ लोग दुर्गा पूजा के जुलूस में सुबह शामिल भी हुए। वे जुलूस के साथ चलते हुए मस्जिद वाली गली तक भी आए और बाद में पथराव करने वाले अन्य लोग भीड़ का हिस्सा बन गए। पत्थरबाज़ी में “मोहम्मडन” मर्दों के अलावा औरतें और बच्चे भी शामिल थे।
एडिशनल एसपी ने अंदेशा जताया कि मुस्लिमों द्वारा की गई पत्थरबाजी स्वाभाविक नहीं भी हो सकती है और सम्भावना है कि वे पहले से ही पत्थर वगैरह लेकर देवी-विसर्जन के जुलूस पर धावा बोलने को तैयार बैठे हों।
इन “Coalition partners” की खोजबीन में सबसे पहला कनेक्शन जो निकल कर सामने आता है, वह है दुनिया के सबसे क्रूर, जिहादी, मानवाधिकार के भक्षक देशों में से एक पाकिस्तान का है। कुछ मामलों में तो यह कनेक्शन भी भी सेना की गोद में बैठे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी PTI से सीधा-सीधा निकलता है।
ताज़ा खुलासे से पता चलता है कि प्रशांत किशोर की कम्पनी ममता बनर्जी की तृणमूल के लिए सोशल मीडिया में एक बड़ा इकोसिस्टम खड़ा कर रही है, जिसमें कई डिजिटल पोर्टल्स और 'इन्फ्लुएंसर्स' शामिल हैं। यह सब रुपयों के दम पर किया जा रहा है।
आख़िर एनडीटीवी का असली मालिक कौन सा व्यक्ति या संस्था है? शेयर्स की हेराफेरी के पीछे मकसद क्या था? इन सबमें आईसीआईसीआई बैंक का क्या हित था? 2004 से अब तक की कहानी पढ़ कर जानिए क्यों 'मीडिया की स्वतन्त्रता' का रोना रो रहे हैं रॉय दम्पति?
जब बागपत एसपी से यह पूछा गया कि आखिर इमाम ने बाद में अपनी शिकायत में 'जय श्री राम' वाली बात क्यों जोड़ी, तो उन्होंने कहा कि अपने सहयोगियों के प्रभाव में आने के बाद उसने ऐसा किया। एसपी ने अंदेशा जताया कि उसके मित्रों ने उसे सलाह दी होगी कि जबरन 'जय श्री राम' बुलवाने वाली बात शिकायत में जोड़ देने के बाद मीडिया इस घटना को ज्यादा महत्त्व देगा और इसे फैलाया जाएगा।
इसमें कोई दो मत नहीं है कि लड़का गायब था। केशव सक्सेना को सांप्रदायिक हिंसा के तीन दिन बाद तक भी उसके माँ-बाप ने नहीं देखा था। यह लड़का आखिरकार तीन तारीख की शाम को अपने घर पहुँचा, यानी तनाव के चौथे दिन। यदि हौज काजी में हालात सामान्य होने का न्यूजलॉन्ड्री का दावा सही भी है (जैसा है नहीं), तो भी क्या लड़के के गायब होने की खबर को अन्य मीडिया संस्थानों की तरह ऑपइंडिया को भी दबा देनी चाहिए थी?
निवासियों ने यह भी दावा किया कि इस्लामी भीड़ ने न केवल दुर्गा मंदिर की मूर्तियों को तोड़ा, बल्कि दुर्गा मंदिर में पेशाब भी किया। उन्होंने बताया कि गली के मुहाने पर कई सौ लोगों की भीड़ जमा थी और अगर वे शटर को नीचे नहीं खींचते तो इलाके के हिंदू जरूर मारे जाते।