बातचीत से स्पष्ट होता है कि मुंबई पुलिस 'रिपब्लिक टीवी' के खिलाफ बयान देने के लिए दबाव बना रही है, जिसके कारण गवाह अपने और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर काफी डरा हुआ है।
हिंदुओं द्वारा 'हिंदू विरोधी दंगों' की शुरुआत करने का कोई भी आरोप एक झूठ का पुलिंदा है। खासतौर से वामपंथी मीडिया ने सिर्फ अपना फेक नैरेटिव गढ़ने के लिए उस वक्त मोहन नर्सिंग होम की आड़ में दंगाइयों को बचाने के लिए हिंदुओं को निशाना बनाया था।